इमरान लाए 'मैंगो डिप्लोमेसी', अमेरिका छोड़िए चीन ने भी कर दी बेइज्जती

बड़े देश तो छोड़िए कनाडा, नेपाल, मिस्र और श्रीलंका ने भी आम वाले इस उपहार को स्वीकार करने पर खेद व्यक्त कर दिया.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Imran Khan

लॉबिंग करने के लिए लाए मैंगो डिप्लोमेसी को दुनया ना ठुकराया.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

नया पाकिस्तान बनाते-बनाते वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) अपने देश को कंगाली की कगार पर ले आए. यही नहीं, कोरोना से लेकर जम्मू-कश्मीर के मसले पर बेतुके बयान देकर वैश्विक मंच पर पाकिस्तान (Pakistan) की फजीहत और करवाते रहे. इसके बावजूद दूसरे देशों को खुश करने के उनके इरादे कमतर नहीं पड़े. इस कड़ी में नियाजी खान ने 'मैंगो डिप्लोमेसी' को हथियार बनाया. यह अलग बात है कि इस मामले में भी उनकी घनघोर बेइज्जती हो गई. उनके द्वारा तोहफा बतौर भेजे गए आम (Mango) दुनिया के 32 देशों ने लौटा दिए. इन दिशों में अमेरिका तो है ही, बल्कि पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन भी शामिल है. 

Advertisment

32 देशों ने बतौर तोहफा नहीं कबूले आम
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने 32 से अधिक देशों के प्रमुखों को आम की पेटियां भेजी थीं. यह अलग बात है कि अमेरिका और चीन ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, एजेंसी ने द न्यूज इंटरनेशनल का हवाला देते हुए कहा कि कनाडा, नेपाल, मिस्र और श्रीलंका ने भी आम वाले इस उपहार को स्वीकार करने पर खेद व्यक्त कर दिया. सभी देशों ने इस इनकार के पीछे कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी गाइडलाइंस और क्वारंटीन नियमों का हवाला दिया. द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी की ओर से इन देशों में आम की 'चौंसा' किस्म भेजी गई. आम की पेटियों को ईरान, खाड़ी देशों, तुर्की, ब्रिटेन, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और रूस को भी जाएंगी.

यह भी पढ़ेंः G-7 चीन के खिलाफ बना रहा था रणनीति, अचानक बंद हो गया इंटरनेट

फ्रांस के राष्ट्रपति ने तो दी ही नहीं प्रतिक्रिया
रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की इस सूची में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का भी नाम था, मगर पेरिस ने अब तक कोई प्रतिक्रिया दी है. बता दें कि पाकिस्तान भारत को भी आम भेजता है. 2015 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने दोनों देशों के बीच सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और कांग्रेस पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को आम भेजे थे. फलों के राजा के रूप में जाने जाने वाले आम की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई है और वैज्ञानिक रूप से इसे मैंगिफेरा इंडिका के नाम से जाना जाता है. यह भारत और पाकिस्तान दोनों का राष्ट्रीय फल है. भारत आमों का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है और 1200 से अधिक किस्मों का उत्पादन करता है, जबकि पाकिस्तान उस संख्या का एक तिहाई उत्पादन करता है.

HIGHLIGHTS

  • पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने चौंसा आम की लजीज आम की पेटी भेजी थी
  • अमेरिका समेत 32 देशों ने बतौर तोहफा भेजे गए पाकिस्तानी आम लौटाए
  • सदाबहार दोस्त चीन ने भी कोरोना गाइडलाइंस का हवाला दे किया इंकार
भारत चीन INDIA Mango Mango Diplomacy china मैंगो डिप्लोमेसी America पाकिस्तान imran-khan Rejected इमरान खान pakistan अमेरिका
      
Advertisment