दुनिया भर के देश कोरोना वायरस (Corona Virus) से जंग में अपना हर संसाधन झोंके हुए है. यह अलग बात है कि पाकिस्तान कोविड-19 के खिलाफ जंग में अपने हथियार पहले ही डाल चुका है. यही वजह है कि कुछ ही दिनों में पाकिस्तान (Pakistan) में कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण के 6200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 117 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि अब सामने आ रहा है कि देश के बड़े अस्पतालों में कोरोना (Covid-19) टेस्ट कराने पहुंचे करीब 1,75,000 लोगों को जांच किए बिना ही वापस लौटा दिया गया था. अस्पतालों का कहना है कि उन्होंने वही नियम फ़ॉलो किए हैं जो सरकार ने बनाए थे और मापदंड पूरा न होने पर लोगों को लौटाया गया है.
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पहुंचे ढाई लाख,जांच हुई 74 हजार की
पाकिस्तान के प्रमुख उर्दू अखबार 'डेली जंग' के मुताबिक पाकिस्तान के अस्पतालों में कोरोना का शक लेकर टेस्ट कराने के लिए 2,50,000 लोग पहुंचे थे लेकिन इनमें से सिर्फ 74,000 की ही जांच की गयी है. अख़बार के मुताबिक अस्पतालों से 1,75,000 लोगों को बिना जांच के वापस लौटा दिया गया. अख़बार का दावा है कि शुरुआत में पहुंचे लोगों को तो टेस्ट किट और अन्य उपकरणों की कमी के चलते ही वापस लौटा दिया गया था, जबकि ढाई लाख लोगों की जांच के लायक किट और अन्य उपकरण अभी भी पाकिस्तान के पास मौजूद नहीं हैं. जितने लोगों का टेस्ट हुआ है उनमें से 6000 से ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बिना जांच के वापस लौटाने पर पाकिस्तान में हंगामा खड़ा हो गया है. हालांकि अस्पताल इसे ऑफिशियल प्रोसीजर का नाम दे रहे हैं.
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डॉक्टर्स के पास नहीं हैं सुरक्षा उपकरण
कोरोना से जंग में अग्रिम मोर्चे पर खड़े डॉक्टर्स और नर्स के पास मास्क, दास्ताने और पीपीई (प्रोटेक्टिव सूट) तक नहीं है. इसका अंजाम ये हो रहा है कि बीते सोमवार को भी पाकिस्तान में 22 और डॉक्टर कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए. पाकिस्तान में अब तक 50 से ज्यादा डॉक्टर मास्क और पीपीई के आभाव में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं जबकि कई की मौत भी हो गयी है. पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन ने बताया कि देश में अब तक 100 से ज्यादा डॉक्टर, नर्स और अन्य हेल्थ वर्कर्स वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.
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कोरोना संक्रमण को धता बता जिद पर अड़े मौलाना
उधर पाकिस्तान के टॉप 53 मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इमरान सरकार के लिए चेतावनी जारी कर दी है. इन्होने रमजान के दौरान मस्जिदों में 'तरावीह' की इजाजत मांगी है. पाकिस्तान के मशहूर मदरसे वफाकुल मदारिस अल अरबिया ने इमरान सरकार के लिए चेतावनी जारी कर कहा कि अब मस्जिदों में इकठ्ठा होने और नमाज़ पढ़ने पर लगा प्रतिबंध जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह को ताक पर रखकर बीते दिनों रावलपिंडी और इस्लामाबाद से आए देश के टॉप 53 मुस्लिम धर्मगुरु दारूल उलूम जकारिया में इकट्ठे हुए और इमरान के लिए चेतावनी वाला एक वीडियो भी जारी किया है.
HIGHLIGHTS
- अस्पतालों में कोरोना टेस्ट कराने पहुंचे करीब 1,75,000 लोगों को जांच बगैर वापस लौटाया.
- लोगों को तो टेस्ट किट और अन्य उपकरणों की कमी के चलते ही वापस लौटा दिया गया था.
- इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बिना जांच के वापस लौटाने पर पाकिस्तान में हंगामा बरपा.