शिक्षक से शिखर तक : बिहार की सियासत के अनमोल अध्याय जगन्नाथ मिश्र
कांगो में हिंसा से हालात बदतर, 1.36 लाख से अधिक लोग बुंडी और युगांडा में शरण लेने को मजबूर : यूनिसेफ
ईरान पर बिना उकसावे के किए गए हमले का कोई औचित्य नहीं : पुतिन
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल के साथ बदसलूकी के विरोध में आसनसोल में सड़क जाम
ओआईसी को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का कोई हक नहीं : विदेश मंत्रालय
अमेरिका को नहीं था यकीन, ईरान कर देगा इतना बड़ा हमला, सुपर पॉवर को दे दिया बड़ा झटका
औरंगजेब को 'पवित्र' कहना अक्षम्य, आसिफ शेख की टिप्पणी पर बोले मनोज तिवारी
राहुल और पंत की शतकीय पारी, इंग्लैंड को अंतिम दिन जीत के लिए 350 रन की जरूरत
कतर और दोहा में अमेरिकी बेस पर ईरान का हमला, उपचुनाव के नतीजे, जानें 10 बड़े अपडेट

पाकिस्तान : मॉब लिंचिंग में हुई इतने लोगों को उम्रकैद

मास कम्युनिकेशन के छात्र मशाल खान (23) को 13 अप्रैल 2017 में लोगों की भीड़ ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी

मास कम्युनिकेशन के छात्र मशाल खान (23) को 13 अप्रैल 2017 में लोगों की भीड़ ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी

author-image
Akanksha Tiwari
एडिट
New Update
पाकिस्तान : मॉब लिंचिंग में हुई इतने लोगों को उम्रकैद

(फाइल फोटो)

पाकिस्तान (Pakistan) में एक अदालत ने 2017 में विश्वविद्यालय के एक छात्र को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर जान से मार देने (लिंचिंग) के एक मामले में गुरुवार को दो और लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. छात्र पर फेसबुक (Facebook) पर ईशनिंदा की सामग्री पोस्ट करने का आरोप था. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, मरदान के अब्दुल वली खान विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन के छात्र मशाल खान (23) को 13 अप्रैल 2017 में लोगों की भीड़ ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी. छात्र ईशनिंदा की ऑनलाइन सामग्री पोस्ट करने के आरोपी था.

Advertisment

यह भी पढ़ें- काबुल : नए साल के जश्न में सिलसिलेवार विस्फोट, 6 मरे

पेशावर में आतंकरोधी अदालत के प्रवक्ता मुहम्मद जुबैर ने कहा, 'न्यायाधीश महमूदुल हसन खाटक ने असद कटलिंग और आरिफ खान को उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि अन्य दो संदिग्ध सबीर मायर और इजहार उल्ला को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.'

यह भी पढ़ें- Italy: ड्राइवर को आया इतना गुस्सा कि स्कूल बस में लगा दी आग, बाल- बाल बचे बच्चे

कटलिंग और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के पार्षद खान को 12 मार्च को दोषी ठहराया गया था, लेकिन न्यायाधीश ने गुरुवार तक के लिए सजा सुरक्षित रख ली थी. मशाल खान की लिंचिंग की घटना विश्वविद्यालय परिसर में हुई थी और उनके खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं पाया गया. मशाल खान विश्वविद्यालय में लड़कियों के अधिकारों को लेकर मुखर थे.

Source : IANS

pakistan tehreek e insaf Mahmudul Hasan Khatak Mob lynching mohammad zubair pakistan Facebook
      
Advertisment