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कश्मीर मसले पर पाकिस्तानी नेताओं में 'सिर फुटव्वल', जमकर चल रहे 'शाब्दिक तीर'

स्थिति यहां तक आ पहुंची है विपक्षी दलों के नेता पाकिस्तान को एक-दो नहीं बल्कि कई 'बांग्लादेश' बनने की 'धमकी' देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं.

Updated on: 14 Sep 2019, 03:30 PM

highlights

  • कश्मीर पर उपजी हताशा और बौखलाहट में पाकिस्तान के नेता अब अपने घर में ही भिड़े.
  • पाकिस्तान में प्रांतीय भेदभाव की लहर. कराची पर कब्जे की कोशिश में इमरान सरकार.
  • विपक्षा का आरोप-इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार संविधान के साथ खेल रही है.

इस्लामाबाद:

मोदी सरकार द्वारा धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर मसले के वैश्वीकरण के लिए पाकिस्तान लगभग दुनिया भर के देशों के समक्ष गिड़गिड़ा चुका है. यह अलग बात है कि उसे हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ी है. इससे उपजी हताशा और बौखलाहट में पाकिस्तान के नेता अब अपने घर में ही भिड़ गए हैं. यहां तक कि इमरान सरकार पर देश को 'बांटने-तोड़ने' के आरोप लग रहे हैं. स्थिति यहां तक आ पहुंची है विपक्षी दलों के नेता पाकिस्तान को एक-दो नहीं बल्कि कई 'बांग्लादेश' बनने की 'धमकी' देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं.

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कुरैशी और बिलावल भिड़े
आपसी सिर फुटव्वल का हालिया मामला विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो से जुड़ा है. पीपीपी के प्रमुख बिलावल ने शुक्रवार को कहा था कि अगर इमरान खान की सरकार ने तानाशाही जारी रखी, तो पाकिस्तान से अलग होकर सिंधुदेश और पख्तुनिस्तान बन जाएगा. इसी बयान पर कुरैशी भड़क गए और कहा कि उन्हें ऐसे समय ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. खासकर जब कश्मीर मसले को लेकर भारत से तनाव चरम पर है.

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प्रांतीय भेदभाव की लहर
शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को सिंध की नेशनल असेंबली के सदस्यों को आगाह किया कि वे ऐसे बयान देकर दुनिया में यह धारणा न बनाएं कि पाकिस्तान में प्रांतीय भेदभाव की लहर है. उन्होंने बिलावल को चेतावनी देते हुए कहा 'जो लोग पख्तुनिस्तान के बारे में बात कर रहे हैं वे बुरी तरह पिट गए और जो लोग सिंधुदेश की बात कर रहे हैं वे भी पिटेंगे. मुझे उम्मीद है कि हर सिंधी पाकिस्तान का समर्थन करेगा.'

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इमरान पर कराची पर 'कब्जे' का आरोप
पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो ने गुरुवार को इमरान सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार कराची पर कब्जे की कोशिश कर रही है. उनका यह बयान कानून मंत्री फरोग नसीम के बयान के बाद आया था, जिसमें फरोग ने कहा था कि कराची की हालत खराब है और इसे सुधारने के लिए सरकार संविधान के अनुच्छेद 149 का सहारा ले शहर को नियंत्रण में ले सकती है. भुट्टो ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि देश एक बार पहले टूट चुका है. इस्लामाबाद ने कुछ ऐसी ही कोशिश की थी. उन्होंने ये बात बांग्लादेश से अलगाव के संदर्भ में कही.

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क्रिकेट मैच नहीं देश चलाना
भुट्टो ने कहा कि एक देश चलाना क्रिकेट मैच खेलने जैसा आसान नहीं है. इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार संविधान के साथ खेल रही है. उन्होंने कहा कि वजीर-ए-आजम इमरान खान ने लोगों को राजनीतिक कैदी बना दिया है और वे कराची को इस्लामाबाद से चला रहे हैं जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इसके पहले नसीम ने बुधवार को एक निजी टीवी चैनल से कहा था कि कराची की हालात सुधारने के लिए अनुच्छेद 149 का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके बाद ही सत्तारूढ़ और विपक्षी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ.