पाकिस्तान नवनिर्मित ग्वादर बंदरगाह को खोल दिया है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पश्चिमी एशिया और अफ्रीका जाने वाले कार्गो जहाज को हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत कर दी।
चीन की मदद से 46 अरब डॉलर की लागत से बना ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान की इकनॉमी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। वहीं भारत के लिए इस बंदरगाह का शुरू होना चिंता का कारण है। बंदरगाह चीन को अरब सागर से जोड़ देगा और यह रणनीतिक रूप से भारतीय हितों के लिए खतरा है।
बंदरगाह की शुरुआत के साथ ही पश्चिमी चीन अरब सागर से जुड़ गया है। भारत के लिए यह बंदरगाह चिंता का कारण है क्योंकि पाकिस्तान ने चीन की मदद से पाकिस्तानी कब्जे वाली कश्मीर में इस पोर्ट का निर्माण किया है।
ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान के बलोचिस्तान में बना है, जहां इसकी शुरुआत के ठीक एक दिन पहले ही आतंकी हमले में 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं बलोच नेता भी पाकिस्तान के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम माने जाने वाले पोर्ट का विरोध कर रहे हैं।
बंदरगाह की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान विदेशी निवेशकों को हर संभव सुरक्षा मुहैया कराएगा ताकि वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकें।
ग्वादर बंदरगाह अरब सागर में स्थित है और इसकी भौगोलिक स्थिति दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और पश्चिम एशिया के बीच एक रणनीतिक स्थिति है। बंदरगाह फारस की खाड़ी के मुख पर भी स्थित है, जो हरमुज जलडमरूमध्य के ठीक बाहर है। चीन अरब सागर और हिंद महासागर तक सहज और विश्वसनीय पहुंच बनाने की कोशिश कर रहा है। ग्वादर पोर्ट चीन को फारस की खाड़ी क्षेत्र और पश्चिम एशिया तक पहुंच देगा।
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान ने चीन की मदद से बने पाक-चीन कॉरिडोर को खोल दिया है
- ग्वादर पोर्ट खुलने से चीन की पहुंच सीधे अरब सागर तक हो जाएगी
Source : News Nation Bureau