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पाक सिखों को तो मार रहा, पर खालिस्तानी आतंक को बढ़ावा दे रहा

भारत (India) को तोड़ने के नापाक मंसूबों के साथ खालिस्तानी (Khalistan) आतंकवाद और विश्व स्तर पर अलगाववादी आंदोलन को भड़काने और बढ़ावा देने के लिए वित्तीय मदद कर रहा पाकिस्तान.

Updated on: 21 Sep 2020, 09:05 AM

इस्लमाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) दशकों से अपनी सिख आबादी के साथ हत्या, दुष्कर्म, अपहरण और युवतियों का जबरन विवाह कराने जैसे कृत्यों को अंजाम देकर सिखों (Sikhs) को प्रताड़ित करते आ रहा है, लेकिन फिर भी यह भारत (India) को तोड़ने के नापाक मंसूबों के साथ खालिस्तानी (Khalistan) आतंकवाद और विश्व स्तर पर अलगाववादी आंदोलन को भड़काने और बढ़ावा देने के लिए वित्तीय मदद कर रहा है. एक कनाडाई विशेषज्ञ ने यह बात कही.

विशेषज्ञ टेरी माइलवस्की ने इस विषय पर हाल ही में एक रिपोर्ट लिखी थी. उन्होंने 18 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली स्थित थिंक टैंक लॉ एंड सोसाइटी अलायंस द्वारा आयोजित वेबिनार 'खालिस्तानी टेररिज्म एंड कनाडा' (खालिस्तानी आतंकवाद और कनाडा) में बोलने के दौरान यह कहा. कनाडाई थिंक-टैंक मैकॉनल्ड-लॉरियर इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित 9 सितंबर की रिपोर्ट 'खालिस्तान : ए प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान' लिखने वाले माइलवस्की ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों ने पाकिस्तान के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ ली है.

मैकडॉनल्ड-लॉरियर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ने खालिस्तानी आतंकवाद पर वैश्विक बहस छेड़ते हुए और इसमें पाकिस्तान का हाथ होने को उजागर किया है. माइलवस्की ने कहा कि उनकी रिपोर्ट ने खालिस्तान चरमपंथियों और पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है, जहां वास्तव में सिख अभी भी इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन, गुरुद्वारों पर हमले, अपहरण और हत्याओं से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा, 'यह ऐसा है जैसे भारत-पाकिस्तान विभाजन के दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं. यही वजह है कि पाकिस्तान में सिख आबादी तेजी से घट रही है.'

उन्होंने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ाने के 35 साल बाद भी जब उन्होंने 'जनमत संग्रह 2020' अभियान के लिए खालिस्तान का नक्शा देखा तो वह रिपोर्ट लिखने के लिए प्रेरित हुए. प्रस्तावित खालिस्तान मानचित्र में भारत के कई हिस्सों को शामिल किया गया, जिसमें राजस्थान के कुछ भू-भाग, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली का संपूर्ण भारतीय हिस्सा शामिल किया गया.

उन्होंने कहा, 'लेकिन कनाडा से संचालित होने वाले वाले सिख फॉर जस्टिस द्वारा लाए गए इस नक्शे में खालिस्तान के हिस्से के रूप में पाकिस्तानी क्षेत्र के एक इंच पर भी दावा नहीं किया गया. इसमें लाहौर भी शामिल होना चाहिए, जहां से महाराजा रणजीत सिंह ने एक साम्राज्य चलाया था और ननकाना साहिब होना चाहिए, जहां गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था. सिखों के समृद्ध इतिहास वाले इन हिस्सों क्यों छोड़ा जा रहा है? इसका जवाब यह है कि जो लोग खालिस्तान के लिए आंदोलन कर रहे हैं, वे पाकिस्तान की वित्तीय सहायता के बिना अभियान नहीं चला सकते हैं? वे अपने आकाओं को नाराज नहीं करना चाहते.'

माइलवस्की ने कहा कि उन्होंने 15 अगस्त को कनाडा में भारतीय मिशनों के सामने आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान चरमपंथी खालिस्तानी को पाकिस्तान का खुला समर्थन मिलता देखा था. हालांकि दोनों पक्ष समर्थन छिपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये सामने आ ही जाता है.