पाकिस्तान के हुक्मरान कश्मीर पर अपना राग अलापने से बाज नहीं आ रहे हैं. कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने की घटना का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में कोई कसर बाकी नहीं रखने वाले पाकिस्तान ने फिर से संयुक्त राष्ट्र की शरण ली है. इस बार जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन से बौखलाए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव और सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिख जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को खारिज किए जाने की मांग की है.
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31 अक्टूबर को लिखा था पत्र
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी कर बताया कि कश्मीर मसले को उठाने की कोशिश के तहत विदेश मंत्री ने 31 अक्टूबर को यह पत्र लिखा था. अन्य चीजों के अलावा इसमें पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को खारिज किए जाने की बात दोहराई गई है. यह तब है जब इसके पहले संयुक्त राष्ट्र में ही भारत ने कश्मीर मसले पर वजीर-ए-आजम इमरान खान के झूठ की धज्जियां बिखेर दी थीं. उस वक्त भी इमरान खान ने कश्मीर की आड़ में अपना न्यूक्लियर कार्ड खेलने की कोशिश की थी.
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यूएनएमओजीआईपी को जिलाने की कोशिश
पाकिस्तान ने इस पत्र के जरिए पुराने संगठनों को नए सिरे से जिलाने की बात भी की है. पत्र में 'यूएन मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप इन इंडिया एंड पाकिस्तान' (यूएनएमओजीआईपी) को मजबूत बनाने का आह्वान भी किया गया है. हालांकि भारत का कहना है कि जनवरी, 1949 में स्थापित यूएनएमओजीआईपी अपनी उपयोगिता खो चुका है और शिमला समझौते व नियंत्रण रेखा (एलओसी) की स्थापना के बाद अप्रासंगिक हो चुका है. देखने वाली बात यह है कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से कब बाज आता है.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने से नहीं आ रहा बाज.
- इस बार विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा.
- पत्र में कश्मीर का पुनर्गठन निरस्त करने की उठाई मांग.