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भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए पाकिस्तान ने  यूरोप में बनाई झूठ की नई 'फैक्‍ट्रीयां' 

भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का कोई भी अवसर नहीं चूकने वाले पाकिस्तान ने यूरोप में झूठ की फैक्ट्रियां लगानी शुरू कर दी है. झूठ की फैक्ट्रियों से लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. इस संबंध में ग्रीस की मीडिया ने ताजा खुलासा किया है.

Updated on: 27 Jun 2022, 12:09 PM

highlights

  • पाकिस्तान से जाने वाले लोगों की मदद के बाद नेटवर्क से जोड़ा जाता है
  • नेटवर्क से जुड़ने के बाद भारत विरोधी विरोध-प्रदर्शन में बुलाया जाता है
  • मस्जिदों और पाक दूतावास की मदद से किया जाता है दुष्प्रचार

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भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का कोई भी अवसर नहीं चूकने वाले पाकिस्तान ने यूरोप में झूठ की फैक्ट्रियां लगानी शुरू कर दी है. झूठ की फैक्ट्रियों से लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. इस संबंध में ग्रीस की मीडिया ने ताजा खुलासा किया है.  ग्रीस की मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान के इस एजेंडे के तहत हाल ही में ब्रिटेन और यूरोप के दौरे पर गए पाकिस्तान अधिकृत कश्‍मीर के कथित राष्ट्रपति सुल्‍तान महमूद ने ब्रिटेन में रह रहे पाकिस्तानियों को दो दुष्‍प्रचार समूह बनाने का सुझाव दिया. इनमें से एक दुष्‍प्रचार समूह का नाम 'फ्रेंड्स ऑफ कश्मीर' और दूसरे का नाम 'यासीन मलिक डिफेंस कमेटी' रखने के लिए कहा गया. 

31 अगस्त से पहले भारत के खिलाफ बनाए जाएंगे दो समूह
ग्रीस की न्यूज वेबसाइट डायरेक्‍टस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कथित राष्ट्रपति सुल्‍तान महमूद ने बाकायदा 31 अगस्त से पहले ये दोनों दुष्प्रचार समूह बनाने की टाइमलाइन लोगों को दी. इसके साथ ही महमूद  ने इस तय सीमा के अंदर ब्रिटेन और यूरोप के सभी बड़े शहरों और कस्बों में दोनों ही अभियानों के लिए नेटवर्क बनाने का टारगेट दिया. इसके साथ ही महमूद ने अपने लोगों को बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मस्जिदों और पाकिस्तान के दूतावास का इस्तेमाल किया जाए. इस नापाक मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के धार्मिक कट्टरपंथियों और पीओके के विदेश में रह रहे लोगों की भी मदद लेने का प्‍लान तैयार किया गया है. 

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मस्जिदों के इमाम के जरिए तैयार किया जाता है नेटवर्क
ब्रिटेन और यूरोप के दूसरे शहरों में रह रहे पाकिस्तानियों की मदद मस्जिदों, पीओके प्रवासियों से जुड़े राजनीतिक दलों और पाकिस्तानी दूतावासों के जरिए की जाती है. ग्रीस मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इन मस्जिदों के पीछे गुप्त रूप से पाकिस्तानी दूतावास होता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि मस्जिदों के इमाम पाकिस्तान और कश्मीर से आने वाले प्रवासियों को जॉब हासिल करने में मदद करते हैं. इसके बदले में उन्हें अपने धार्मिक या राजनीतिक नेटवर्क से जोड़ लेते हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तानी टुकड़ों पर पलने वाले लोग अक्सर लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करते है.