जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से लगातार हाथ-पांव मार रहे पाकिस्तान का अब लगता है सच से सामना हो गया है. इसलिए अब वह अल्लाह की शरण में पहुंच गया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का अब कहना है, 'अल्लाह की लाठी में आवाज नहीं होती. अगर वह चल गई तो मोदी का गरूर खाक में मिल जाएगा.' पाकिस्तानी पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुरैशी ने कहा, "पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने का फैसला किया है. इससे पहले कि हम मुद्दा उठाएं, हमारी आवाज वहां तक पहुंचनी चाहिए. अगर हम एकजुट नहीं हुए तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा."
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कुरैशी ने यह भी कहा, "कुछ लापरवाहियों ने पाकिस्तान को इस मामले में दशकों पीछे धकेल दिया है, लेकिन अब आगे बढ़ने का समय है. दुनिया को पता चलना चाहिए कि कश्मीरी क्या चाहते हैं. जिस दिन मोदी संयुक्त राष्ट्र आम सभा के लिए जाएं, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करना होगा, विश्व बिरादरी को चिट्ठी लिखनी होगी, आवाज उठानी होगी. हमें अपनी लड़ाई भरपूर तरीके से लड़नी होगी."
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपना स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) कश्मीर से जोड़ा है. हम भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को काला दिवस के रूप में मनाएंगे. कुरैशी ने दावा किया कि कश्मीर मामले में चीन का रुख पाकिस्तान के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है. ऐसे में पाकिस्तान का पक्ष वहां चीन रखेगा. चीन सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का वकील होगा.
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इससे पहले शाह महमूद कुरैशी (Shah Mamood Quereshi) ने कहा था, "पाकिस्तान ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश की, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी. दुनिया के किसी भी देश ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया. पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कुरैशी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में भी हमें समर्थन मिलना मुश्किल है. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तानी और कश्मीरियों को यह जानना चाहिए कि कोई आपके लिए नहीं खड़ा है. हमें मूर्खों के स्वर्ग में नहीं रहना चाहिए. आपको संघर्ष करना होगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो