अमेरिकी थिंक टैंक द सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ (सीएसआईएस) ने पाकिस्तान को अमेरिका के लिये दोस्त कम खतरा ज्यादा बताया है। इसका कहना है कि तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क के लिए अब भी पाकिस्तान पनाहगाह बना हुआ है।
सीएसआईएस ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन को ये बात पाकिस्तान को स्पष्ट कर देना चाहिये कि अगर वह तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को समर्थन देना जारी रखता है तो उसपर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं और सारी आर्थिक मदद मिलनी भी बंद हो जाएगी।
पाकिस्तान का आतंकवाद को दिया जा रहा समर्थन ट्रंप प्रशासन को गवारा नहीं है और राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप का रवैया सख्त है। ऐसे में सीएसआईएस की सलाह का अमेरिकी प्रशासन पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
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सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) ने 5 जून को जारी एक रिपोर्ट में कहा, 'पाकिस्तान अब भी तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क का पनाहगाह बना हुआ है और वह सहयोगी होने के बजाए अमेरिका के लिये खतरा अधिक है।'
इसमें कहा गया है, 'कोई भी प्रतिबद्धता असीमित नहीं होनी चाहिए। अफगानिस्तान को बहुत अधिक, बहुत बेहतर करना होगा।
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रिपोर्ट में कहा गया, 'अमेरिका को पाकिस्तान को यह साफ कर देना चाहिए कि यदि वह तालिबान को समर्थन देना और हक्कानी नेटवर्क को बर्दाश्त करना जारी रखता है तो उसे मिलने वाली मदद पूरी तरह बंद कर दी जाएगी और उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे।'
सीएसआईएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका को चीन को भी यह स्पष्ट करना होगा कि अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान की समस्या से निपटने में चीन का सहयोग चीन और अमेरिका दोनों के ही हित में होगा।
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ट्रंप का नज़रिया पाकिस्तान को लेकर सकारात्मक नहीं है। हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की है।
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Source : News Nation Bureau