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पाकिस्तान अपने ही लोगों को इस तरह निपटा रहा! महीने भर में दूसरी बार जहरीली गैस की चपेट में आए सैकड़ों

कांडला बंदरगाह (Kandla Port) में पकड़ा गया चीनी जहाज पाकिस्तान के कासिम बंदरगाह ही जा रहा था. इस पर मिसाइल लांच की मोटर बनाने के काम आने वाला 'ऑटोक्लेव' लदा हुआ था. जाहिर है ऐसी ही सामग्रियों से कासिम पोर्ट पर हादसे होते हैं.

Updated on: 06 Mar 2020, 07:50 PM

highlights

  • भारत से दुश्मनी का भाव रखना पाकिस्तान की आवाम को भुगतना पड़ रहा है.
  • चोरी-छिपे नाभिकीय सामग्री की अनलोडिंग का केंद्र बना कराची का कासिम बंदरगाह.
  • आए-दिन होती हैं दुर्घटनाएं. शुक्रवार को फिर गैस रिसी. चपेट में आए सैकड़ों.

कराची:

अपने जन्म से पहले ही भारत को शत्रु मान चुके पाकिस्तान (Pakistan) का नापाक रवैया अब उसके अपने ही लोगों पर भारी पड़ रहा है. भारत विश्व बिरादरी को कई बार सबूत दे चुका है कि पाकिस्तान कराची (Karachi) के कासिम बंदरगाह का इस्तेमाल चीन और उत्तरी कोरिया से चोरी-छिपे मंगाई जाने वाली परमाणू सामग्रियों के लिए करता है. हाल ही में गुजरात (Gujarat) के कांडला बंदरगाह (Kandla Port) में पकड़ा गया चीनी जहाज पाकिस्तान के कासिम बंदरगाह ही जा रहा था. इस पर मिसाइल लांच की मोटर बनाने के काम आने वाला 'ऑटोक्लेव' लदा हुआ था. जाहिर है ऐसी ही सामग्रियों से कासिम पोर्ट पर हादसे होते हैं. अब शुक्रवार को हुए जहरीले गैस के रिसाव में सैकड़ों लोग चपेट में आ गए. फरवरी में यहीं पर जहरीली रासायनिक गैस के रिसाव में भी दर्जनों लोग मारे गए थे और सैकड़ों गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे.

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चोरी-छिपे ले रहा नाभिकीय तकनीक
पाकिस्तान के भारत के लिए नापाक मंसूबे अब किसी से छिपे नहीं है. भारत के अभिन्न अंग कश्मीर का मसला तो वहां की सेना और राजनेताओं के लिए
ऑक्सीजन का काम करता है. यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के बाद ही पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने वैश्विक मंचों पर रोना-पीटना शुरू कर दिया था. चीन ने भी एक हद तक साथ दिया. हालांकि चीन भारत को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान को हर तरह से सक्षम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता. ईरान समेत उत्तरी कोरिया और चीन पाकिस्तान को चोरी-छिपे नाभिकीय हथियारों समेत तकनीक उपलब्ध कराते रहते हैं. इसकी पुष्टि कई बार हो चुकी है.

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गुजरात में पकड़े गए चीनी जहाज पर भी थी अवैध सामग्री
हाल ही में गुजरात के कांडला बंदरगाह पर एक चीनी जहाज पकड़ा गया था. जांच में पता चला कि उस पर इंडस्ट्रियल ड्रायर के नाम पर ऑटोक्लेव लदा हुआ था. लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की मोटर बनाने में ऑटोक्लेव का इस्तेमाल किया जाता था. यह जहाज भी हांगकांग से चला था और कराची के कासिम बंदरगाह ही जा रहा था. जाहिर है चोरी-छिपे नाभिकीय और रासायनिक हथियारों की अनलोडिंग के लिए कराची के कासिम बंदरगाह का इस्तेमाल किया जाता है. यही वजह है कि खतरनाक रसायनों और परमाणु पदार्थों के कारण कासिम बंदरगाह संवेदनशील भी है. विगत फरवरी में इसी बंदरगाह में जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आकर दर्जनों लोग मारे गए थे औऱ सैकड़ों गंभीर बीमार पड़ गए थे.

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महीने भर में दूसरी बार रिसी जहरीली गैस
इस घटना को अभी महीने भर नहीं बीते कि शुक्रवार को कासिम बंदरगाह पर फिर एक बार जहरीली गैस का रिसाव हो गया. इसकी चपेट में आए सैकड़ों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. खतरनाक गैस का रिसाव एक रासायनिक कारखाने से हुआ है. इसके पहले फरवरी में जहरीली गैस के कहर से हड़कंप मच गया था. यहां एक कार्गो शिप से केमिकल उतारने के दौरान गैस का रिसाव हुआ जिसकी चपेट में आकर दर्जनों लोगों की मौत हो गई. जबकि पचासों लोग घायल हो गए हैं. इस घटना के बाद कराची के तटीय इलाकों में इमरजेंसी जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. कराची के केमारी इलाके में एक कार्गो से कुछ सामान उतारते वक्त ये हादसा हुआ और अचानक जानलेवा गैस का रिसाव शुरू हो गया. कह सकते हैं कि भारत से दुश्मनी का भाव रखना पाकिस्तान की आवाम को भुगतना पड़ रहा है.