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पाकिस्‍तान को जम्‍मू-कश्‍मीर पर लग रही मिर्ची, खुद POK को लेकर कर चुका है कई बदलाव

जम्‍मू-कश्‍मीर पर भारत सरकार की ओर से किए गए बदलाव को लेकर दुनिया भर में शोर मचाने वाले पाकिस्‍तान ने खुद 1947 से लेकर अब तक पाक अधिकृत कश्‍मीर में कई बदलाव किए हैं.

जम्‍मू-कश्‍मीर पर भारत सरकार की ओर से किए गए बदलाव को लेकर दुनिया भर में शोर मचाने वाले पाकिस्‍तान ने खुद 1947 से लेकर अब तक पाक अधिकृत कश्‍मीर में कई बदलाव किए हैं.

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Sunil Mishra
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पाकिस्‍तान को जम्‍मू-कश्‍मीर पर लग रही मिर्ची, खुद POK को लेकर कर चुका है कई बदलाव

पाकिस्‍तान को जम्‍मू-कश्‍मीर पर लग रही मिर्ची

जम्‍मू-कश्‍मीर पर भारत सरकार की ओर से किए गए बदलाव को लेकर दुनिया भर में शोर मचाने वाले पाकिस्‍तान ने खुद 1947 से लेकर अब तक पाक अधिकृत कश्‍मीर में कई बदलाव किए हैं. कश्‍मीर पर कब्‍जे के बाद ही पाकिस्‍तान ने पीओके (POK) को दो भागों में विभाजित कर दिया था. यही नहीं, पिछले 70 सालों में पाकिस्‍तान ने पीओके (POK) को लेकर कई बड़े बदलाव किए हैं.

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जानकार बताते हैं कि 1949 में पीओके पर अवैध कब्‍जा करने के दो साल बाद ही पाकिस्तान ने उसे दो अलग-अलग प्रशासनिक जोन में बांट दिया था. एक हिस्से का नाम उसने कथित 'आजाद कश्मीर' और दूसरे का 'फेडरली एडमिनिस्ट्रेड नॉर्दर्न एरिया' रखा था. पाकिस्तान ने 1969 में 'फेडरली एडमिनिस्ट्रेड नॉर्दर्न एरिया' के लिए एक 'एडवाइजरी काउंसिल' गठित कर 1994 इसे 'नॉर्दर्न एरिया काउंसिल' में बदल दिया दिया था. पांच साल बाद ही पाकिस्तान ने 'नॉर्दर्न एरिया काउंसिल' को ‘नॉर्दर्न एरिया लेजिस्लेटिव काउंसिल’ में बदल दिया था. 2009 में गिलगिट-बाल्टिस्तान एंपावरमेंट एंड सेल्फ-गवर्नेंस ऑर्डर जारी कर दिया गया था. इससे पाकिस्तान ने वहां 'विधानसभा' और एक 'गिलगिट-बाल्टिस्तान परिषद' का गठन किया था.

प्रधानमंत्री-राष्‍ट्रपति को दिए अधिकार 

2018 में गिलगिट-बाल्टिस्तान ऑर्डर में एक बार फिर बदलाव कर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को 63 से ज्यादा विषयों पर कानून बनाने का अधिकार दे दिया गया. इसमें गिलगिट-बाल्टिस्तान विधानसभा से पास किसी भी कानून को रद्द करने का अधिकार भी शामिल है. साथ ही पाकिस्तान ने 2018 के ऑर्डर में किसी तरह का बदलाव करने की शक्ति को गिलगिट-बाल्टिस्तान की विधानसभा से छीनकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति के हाथों में दे दिया था.

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चीन को सौंप दिया था अक्‍साई चीन
बंटवारे से पहले जम्मू-कश्मीर राजघराने की ओर से 1927 में स्टेट सब्जेक्ट रूल बनाया गया था, जिसके तहत अन्य राज्यों के निवासियों को जम्मू-कश्मीर में बसने पर रोक लगाई गई थी. पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में बाहरी लोगों को बसाने के लिए इस आदेश को निरस्त कर दिया था. बताया जा रहा है कि 'आजाद कश्मीर' में भी पाकिस्‍तान ने ऐसे ही कदम उठाए हैं. इसके अलावा पाकिस्‍तान ने पाक अधिकृत कश्मीर के एक हिस्से को चीन को सौंप दिया था.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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