पाकिस्तान को पड़े रोटियों के लाले, बाजार से आटा गायब और कीमतें आसमान पर

देश भर में आटे की जबर्दस्त किल्लत हो गई है. नतीजतन आटे के भाव आसमान छूने लगे हैं.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Pakistan Ration

पाकिस्तान में आम आदमी की पहुंच से दूर हुआ आटा.( Photo Credit : द डॉन)

चहुंओर महंगाई के बीच पाकिस्तान में अब रोटियों के लाले भी पड़ गए हैं. देश भर में आटे की जबर्दस्त किल्लत हो गई है. नतीजतन आटे के भाव आसमान छूने लगे हैं. खास बात यह है कि इमरान खान सरकार इस किल्लत को दूर करने के बजाय आरोप-प्रत्यारोप के खेल में शामिल हो गई है. इस बीच खैबर पख्तूनख्वा के नान बनाने वालों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है. उनका कहना है कि महंगी दर पर आटा खरीदने के बाद वे पहले वाली कीमतों पर नान और रोटी की बिक्री नहीं कर सकते हैं. आटे की किल्लत तब सामने आई है जब वजीर-ए-आजम इमरान खान ने खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी लाने के साथ मुनाफाखोरों और कालाबाजारी करने वालों पर लगाम कसने के निर्देश दिए थे.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः निर्भया केसः दोषी पवन मामले में बोला SC- ऐसे तो खत्म ही नहीं होगा कभी केस, 2.30 बजे फैसला

केंद्र और सूबाई सरकारों में आरोप-प्रत्यारोप
आटे की किल्लत से पाकिस्तान के चारों प्रांत जूझ रहे हैं. यह अलग बात है कि आटे की गंभीर किल्लत के बीच एक-दूसरे को दोषी ठहराने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. केंद्र सरकार की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी समेत पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की सरकार ने पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी शासित सिंध की सरकार को इस किल्लत के लिए जिम्मेदार ठहराया है. यह अलग बात है कि सिंध सरकार केंद्र को जिम्मेदार ठहरा रही है. इस बीच रेस्तरां संचालकों के संगठन ने सरकार से कहा है कि वह पुराने रेट पर आटा मुहैया कराए या फिर उन्हें नान और रोटी की कीमतों को बढ़ाने की इजाजत दे. उन्होंने इमरान खान सरकार को आटे की कीमतें कम करने के लिए 5 दिनों का अल्टीमेटम दिया है.

यह भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड पर रोक लगाने से किया इनकार, चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस

70 रुपए किलो पहुंचे आटे के भाव
पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने इमरान खान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि संघीय सरकार ने देश का बुरा हाल कर रखा है. एक समय पाकिस्तान गेंहू का निर्यातक हुआ करता था, जो अब गेंहू का आयातक देश हो चुका है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि संघीय सरकार ने 40,000 मीट्रिक टन गेंहू अफगानिस्तान भेज दिया. इस कारण अब देश को किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. आम लोगों का 70 रुपए किलो की दर से आटा खरीदना पड़ रहा है. चक्की एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने समर्थित मूल्य पर किसानों से गेंहू की खरीद नहीं की है. इस कारण उनके लिए पुरानी दर पर आटा बेचना संभव नहीं है, क्योंकि महंगा गेंहू खरीदने के अलावा उसकी सफाई और पिसाई से लागत बढ़ रही है.

यह भी पढ़ेंः JK: दो घंटे चले शोपियां एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकी किए ढेर

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से स्थिति और बिगड़ी
हालांकि नेशनल फूड सिक्योरिटी (एनएफएस) के सचिव हाशिम पोपलजई ने ट्रांसपोटर्स की हड़ताल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि ट्रकों की हड़ताल के चलते मिलों तक गेंहू समय पर नहीं पहुंच सका. नतीजतन पाकिस्तान में आटे की गंभीर किल्लत सामने आ गई. उनका कहना है कि किल्लत 'अस्थायी' है और सिंध में गेंहू की नई फसल आने से स्थितियां और सुधर जाएंगी. गौरतलब है कि सिंध में गेंहू की नई फसल मार्च और पंजाब में अप्रैल में आती है. गौरतलब है कि पाकिस्तान पिछले दिनों टमाटर की कमी से जूझ रहा था. इसके साथ ही महंगाई ने आम आदमी के लिए जीना मुश्किल कर रखा है.

HIGHLIGHTS

  • पाकिस्तान में आटा पहुंचा 70 रुपए किलो.
  • मिलों के पास नहीं गेंहू, इससे हुई किल्लत.
  • केंद्र-सूबाई सरकार ने मढ़ा एक-दूसरे पर दोष.
PPP Leader Bilawal Bhutto Wheat Crisis buckwheat flour pakistan Imran Khan Government
      
Advertisment