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हर पाकिस्तानी पर 159,000 पाकिस्तानी रुपए का कर्ज

2019-20 में ही पाकिस्तान पर कर्ज उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 87 फीसदी हो चुका है. 2017-18 में कर्ज की यह रकम जीडीपी का 72 फीसदी थी.

Updated on: 05 Mar 2021, 03:09 PM

highlights

  • कर्ज में डूबे पाकिस्तान में आवाम खाने को मोहताज
  • आटा-चीनी जैसी चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं
  • पाकिस्तान पर कर्ज उसके सकल घरेलू उत्पाद का 87 फीसदी

इस्लामाबाद:

अभी बीते महीने की ही बात है कि मलेशिया (Malaysia) में पाकिस्तान एयरलाइंस के विमान बोइंग 777 को उस वक्त जब्त कर लिया गया था, जब उसमें यात्री बैठे थे. बताया गया कि पाकिस्तान (Pakistan) एयरलाइंस पर लीज की 15 मिलियन डॉलर से अधिक की रकम बकाया है. यह तो महज तस्वीर का एक पहलू है. पाकिस्तान की माली हालत हर गुजरते दिन के साथ खस्ता होती जा रही है. अगर मोटी-मोटी भाषा में बात करें तो 2019-20 में ही पाकिस्तान पर कर्ज उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 87 फीसदी हो चुका है. 2017-18 में कर्ज की यह रकम जीडीपी का 72 फीसदी थी. कर्ज (Debt) में डूबे पाकिस्तान में आवाम खाने तक को मोहताज हो रही है. आटा-चीनी जैसी चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं. 

चीन के कर्ज के मकड़जाल में फंस चुका है पाकिस्तान
मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती सात महीनों की बात करें तो इमरान सरकार विदेशों से 4 लाख करोड़ रुपये (6.7 बिलियन डॉलर) से भी ज्यादा कर्ज उठा चुकी है. पाकिस्तान ने पिछले महीने ही चीन से 500 मिलियन डॉलर करीब (3600 करोड़ रुपये) का कर्ज लिया था. पाक अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने आर्थिक मामलों के मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट छापी है. इसके मुताबिक 2020-21 में जुलाई से जनवरी के बीच पाकिस्तान सरकार ने कई देशों व वैश्विक संस्थाओं से 6.7 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह कर्ज छह फीसदी यानी 380 मिलियन डॉलर ज्यादा है.

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कर्ज लेकर कर्ज चुका रहा पाक
इस मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में कोई राजस्व नहीं पैदा हो रहा है और न ही कर्ज के पैसों से ऐसा कुछ तैयार करने की कोशिश की जा रही है. सरकार नया कर्ज लेकर पुराना कर्ज चुकाने में लगी हुई है. कुल कर्ज का महज 13 फीसदी ही प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग में लगाया जा रहा है. पाकिस्तान का पुराना दोस्त चीन इस बार भी मददगार बना हुआ है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यक्रम से सस्पेंशन के बावजूद चीन ने पाकिस्तान को 13 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बनाने में मदद की है, जबकि निर्यात में नेगेटिव ग्रोथ बढ़ा है और सऊदी अरब को कर्ज का एक हिस्सा भी चुका दिया है. पाकिस्तान को जी-20 देशों से 1.7 बिलियन डॉलर के कर्ज से राहत मिली है. इन देशों ने कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को लगे झटके की वजह से यह फैसला लिया था.

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पाकिस्तान की बदहाली पर एक नजर

  • एक अमेरिकी डॉलर की क़ीमत 157 पीकेआर हो चुका है
  • कुल आबादी का 0 .6 फीसदी  लोग ही टैक्स भरने लायक हैं
  • हर पाकिस्तानी पर 159,000 पाकिस्तानी रुपए का कर्ज है
  • 35 खरब पाकिस्‍तानी रुपये यानी 105 अरब डॉलर से ज़्यादा का क़र्ज़दार है
  • बजट का 42 फीसदी तो कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च हो जाता है
  • 6 लाख करोड़ में से 3.56 लाख करोड़ का भारी-भरकम बजट घाटा है
  • पाकिस्तान चाह कर भी चीन के क़र्ज़ जाल से नहीं निकल सकता
  • ग्वादर बंदरगाह से लेकर सीपीईसी कॉरिडोर चीन के क़ब्ज़े में है
  • पाकिस्तान पर एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा है
  • 20 करोड़ की आबादी में से 6 करोड़ गरीबी रेखा के नीचे है
  • 33 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं, 44 फीसदी छात्र कुपोषित हैं
  • 15 लाख बच्चे सड़कों पर रहते हैं, 90 फीसदी यौन शोषण का शिकार हैं
  • पाकिस्तान की ज़्यादातर जनता के पास खेती की ज़मीन नहीं है
  • पाक की खेती की ज़मीन पर 246 जागीरदार परिवारों का ही क़ब्ज़ा है
  • भुट्टो परिवार 40,000 एकड़ ज़मीन  का जागीरदार है
  • गुलाम मुस्तफा जतोई परिवार 30,000 एकड़ जमीन के मालिक हैं
  • पाकिस्तान में 80 प्रतिशत राजनेता हजारों एकड़ जमीन के मालिक हैं
  • पाकिस्तान की जमीन के बड़े हिस्से पर विदेशियों का कब्जा है
  • पाकिस्तान के कई इलाक़ों में अब भी सामंतवादी व्यवस्था है
  • पाकिस्तान के देहातों में 49 फीसदी लोग अब भी अशिक्षित है