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भारत से पंगा लेकर बुरा फंसा पाकिस्‍तान, अब आन पड़ी ये बड़ी शामत

पाकिस्‍तान ने तब आक्रोश में आकर भारत से व्यापारिक रिश्ता (Pakistan-India Business Relations) तोड़ लिया था, लेकिन अब उसका यही फैसला भारी भूल साबित हो रही है.

Updated on: 16 Oct 2019, 11:43 AM

नई दिल्‍ली:

जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने को लेकर 'पाजामे' से बाहर हुए पाकिस्‍तान के सामने एक बड़ी संकट आन पड़ी है. पाकिस्‍तान ने तब आक्रोश में आकर भारत से व्यापारिक रिश्ता (Pakistan-India Business Relations) तोड़ लिया था, लेकिन अब उसका यही फैसला भारी भूल साबित हो रही है. दरअसल, पाकिस्तान में जीवनरक्षक एंटी रेबीज दवाओं की भारी कमी हो गई है. ये दवाएं पाकिस्‍तान में भारत सप्‍लाई करता था. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इन दिनों कुत्तों के काटने के मामलों में तेजी आ गई है और एंटी रेबीज की दवाएं वहां उपलब्‍ध ही नहीं है. अगर यूरोप से पाकिस्‍तान इन दवाओं को मंगाता है तो इसका खर्च 70 फीसदी तक अधिक पड़ेगा.

पाकिस्‍तान को भारत से मंगाए गए वैक्‍सीन की कीमत 1 हजार रुपये पड़ती थी, जबकि यूरोप से मंगाए गए वैक्‍सीन की कीमत 70 हजार रुपये पड़ रही है. यह जीवनरक्षक दवा अब केवल सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है. सिंध प्रांत और राजधानी कराची के सरकारी अस्पतालों में इसकी भारी कमी है.

पाकिस्तान भारतीय दवाओं का का बड़ा आयातक है. पाकिस्‍तान जीवन रक्षक दवाओं से लेकर सांप-कुत्ते के जहर से बचाने वाली दवाओं तक के लिए भारत पर निर्भर है. पाकिस्‍तान में इसकी मैन्युफैक्चरिंग न के बराबर होती है. जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने 16 महीनों में भारत से 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के रेबीजरोधी तथा विषरोधी टीकों की खरीदारी की थी.