जम्मू-कश्मीर में भारत के इस कदम से पाकिस्तान को लगी मिर्ची, कहा- मुस्लिम आबादी को...

Jammu-Kashmir delimitation : परिसीमन आयोग ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है, इस पर पाकिस्तान की ओर से आपत्ति जताई गई है.

Jammu-Kashmir delimitation : परिसीमन आयोग ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है, इस पर पाकिस्तान की ओर से आपत्ति जताई गई है.

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Deepak Pandey
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Shahbaz Sharif

J&K; में भारत के इस कदम से PAK को लगी मिर्ची( Photo Credit : File Photo)

Jammu-Kashmir delimitation : परिसीमन आयोग ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है, इस पर पाकिस्तान की ओर से आपत्ति जताई गई है. इसे लेकर इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावास के एक अफसर को तलब कर डिमार्शे दिया है. परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को PAK ने खारिज कर दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावास के अधिकारी को बुलाकर कहा है कि परिसीमन आयोग का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर की मुस्लिम बहुल आबादी को बेदखल और कमजोर करना है. उन्होंने बयान जारी कहा कि पाकिस्तान स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर की इस कथित परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को रद्द करता है.

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि इंडिया को यह बता दिया गया है कि यह प्रक्रिया हास्यास्पद थी और इसे पहले ही जम्मू कश्मीर की पार्टियों ने खारिज कर दिया था, क्योंकि इसके माध्यम से भारत 5 अगस्त 2019 की अपनी गैरकानूनी गतिविधि को वैध ठहराना चाहता था.

उन्होंने कहा कि भारत के विदेश मामलों के एक अफसर के समक्ष इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सरकार की मंशा इसी से स्पष्ट है कि कथित परिसीमन की आड़ में फिर से निर्धारित इन क्षेत्रों से मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व को कम कर दिया गया. साथ ही भारत के राजनयिक से यह भी कहा गया है कि जम्मू कश्मीर लंबे समय से UNSC के एजेंडे में चला आ रहा विवाद है.

आयोग की रिपोर्ट के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने पर जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे, क्योंकि आयोग ने जम्मू संभाग के लिए 43 विधानसभा सीटों और कश्मीर क्षेत्र के लिए 47 सीटों की सिफारिश की है. पहली बार, नौ विधानसभा क्षेत्र (एसी) अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनमें से छह जम्मू क्षेत्र में और तीन कश्मीर में हैं. तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य के संविधान में विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं था.

Source : News Nation Bureau

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