आर्थिक रूप से बेहाल पाकिस्तान भले ही आर्थिक मोर्चे पर कुछ ना कर पा रहा हो लेकिन अफगानिस्तान को लेकर दुनिया के प्रभावशाली देशों के नसीहत दे रहा है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पश्चिमी देशों को चेताते हुए कहा कि एक बार फिर पुरानी गलतियों को दोहराया गया तो विश्व में एक बार फिर अशांति के हालात पैदा हो सकते हैं. कुरैशी ने कहा कि अगर अफगानिस्तान में 'पिछली गलतियां' दोहराई गईं तो यूरोप आतंक से सुरक्षित नहीं रहेगा. हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अपने बयान में उन गलतियों का जिक्र नहीं किया, जिनका वह जिक्र कर रहे थे.
दूसरी तरफ यूएस कांग्रेस की एक रिपोर्ट में अफगानिस्तान के ताजा हालात को लेकर पाकिस्तान की भूमिका का खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में पाकिस्तान की भूमिका को अस्थिर करने वाला बताया गया है. अफगानिस्तान पर तालिबान के अधिग्रहण को पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण जीत के रूप में देखा, अफगानिस्तान में पाक से अपना प्रभाव बढ़ाया. पाकिस्तान ने यह कदम भारत के प्रभाव को सीमित करने के अपने दशकों के लंबे प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए किया है. हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अफगानिस्तान जैसे युद्धग्रस्त देश में शासन की सत्ता हथियाना इस्लामाबाद के लिए चुनौतियां और जटिलताएं पेश कर सकता है.
कुरैशी का बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले नई दिल्ली में एनएसए स्तर की बैठक आयोजित की गई. इसमें भारत सहित आठ देशों के एनएसए शामिल हुए. बैठक में अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंतन किया गया. बैठक के बाद जारी किए संयुक्त बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान को लेकर दुनिया के प्रभावशाली देशों को सोच विचार के बाद फैसला लेना चाहिए. इस बैठक से पड़ोसी देश पाकिस्तान तिलमिला उठा. बैठक के लिए भारत की ओर से पाकिस्तान और चीन को भी न्यौता दिया गया था. चीन और पाकिस्तान दोनों ही इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
Source : News Nation Bureau