भारत को साधने के लिए पाकिस्तान ने मांगा अमेरिका का साथ, ट्रंप प्रशासन ने नकारा

बहरहाल, कुरैशी ने बुधवार को वाशिंगटन में बताया कि अमेरिका ने इस संबंध में पाकिस्तान के हालिया अनुरोध को खारिज कर दिया है.

बहरहाल, कुरैशी ने बुधवार को वाशिंगटन में बताया कि अमेरिका ने इस संबंध में पाकिस्तान के हालिया अनुरोध को खारिज कर दिया है.

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
भारत को साधने के लिए पाकिस्तान ने मांगा अमेरिका का साथ, ट्रंप प्रशासन ने नकारा

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनका देश अमेरिका से भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू कराने में भूमिका अदा करने का अनुरोध करता है क्योंकि दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संवाद अभी बंद है. साथ ही उन्होंने आगाह किया कि बातचीत नहीं होने से तनाव और बढ़ सकता है.

Advertisment

बहरहाल, कुरैशी ने बुधवार को वाशिंगटन में बताया कि अमेरिका ने इस संबंध में पाकिस्तान के हालिया अनुरोध को खारिज कर दिया है. इससे एक दिन पहले उन्होंने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से मुलाकात की थी.

कुरैशी ने अमेरिकी कांग्रेस द्वारा मुहैया कराए जाने वाले धन से चलने वाले शीर्ष थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में एक सवाल के जवाब में कहा, 'जब हमने अमेरिका से वार्ता में भूमिका निभाने के लिए कहा--- तो हमने क्यों कहा? सिर्फ इसलिए कि हमारे बीच द्विपक्षीय वार्ता बंद है. हम सीमा के पश्चिमी ओर ध्यान लगाना, आगे बढ़ना चाहते हैं जो हम कर नहीं पा रहे हैं क्योंकि हमें पूर्वी ओर (भारत के साथ सीमा पर) मुड़कर देखना होता है. यह कोई अच्छी स्थिति नहीं है.'

और पढ़ें: यह है S-400 एयर मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम, निकल जाएगी पाकिस्‍तान के परमाणु बम की हेकड़ी

उन्होंने कहा, 'अब क्या आप (अमेरिका) मदद कर सकते हैं? उनका जवाब ना था. वे द्विपक्षीय संवाद चाहते हैं लेकिन कोई द्विपक्षीय गतिविधि नहीं है.' उन्होंने आगाह किया कि इससे दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारतीय नेताओं की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा, 'इस तरह बातचीत बंद होने से तनाव बढ़ता है और वहां से हाल में आए कुछ बयान बहुत मददगार नहीं हैं. तथाकथित सर्जिकल स्ट्राइक और इस तरह की बातों का कोई मतलब नहीं है. यह राजनीति है..वहां चुनाव होने वाले हैं.' 

उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की नई सरकार बातचीत से कतरा नहीं रही है . न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक रद्द होने का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भारत पीछे हट गया.

और पढ़ें: सुषमा स्वराज की 'लताड़' से बौखलाया पाकिस्तान, UN में उठाया कश्मीर मुद्दा, कही ये बातें 

इसके लिए डाक टिकट जारी कर आतंकवादियों के महिमामंडन और भारतीय सुरक्षाबलों की क्रूर हत्याओं को भारत द्वारा वजह बताए जाने पर उन्होंने कहा, 'अगर भारतीयों के पास कोई बेहतर विकल्प है तो हमारे साथ साझा करें. अगर एक-दूसरे से बातचीत नहीं करने से मुद्दे हल होंगे और क्षेत्र में स्थिरता आएगी तो ठीक है. अगर यह उनका आकलन है तो फिर ठीक है.' 

ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठकों के बाद पाकिस्तान के लिए रवाना होने वाले कुरैशी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों देश एक-दूसरे से बातचीत नहीं कर रहे.

बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चलने के भारत के रुख पर एक सवाल के जवाब में कुरैशी ने इमरान खान के एक बयान का हवाला दिया जब वह विपक्ष के नेता थे और नई दिल्ली की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे. तब उन्होंने कहा था कि हमेशा वार्ता को विफल करने वाले तत्व होंगे.

और पढ़ें : UN में सिर्फ 7 मिनट सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, पढ़ें 10 बड़ी बातें 

कुरैशी ने खान के हवाले से कहा, 'हमेशा वार्ता को विफल करने वाले तत्व होंगे. हमेशा ऐसे तत्व होंगे जो शांति प्रक्रिया को बाधित करेंगे लेकिन जब वे ऐसा करें तो चलिए एक साथ मिलकर उनका मुकाबला करें. वे हमें वापस भेजेंगे लेकिन हमें देखना होगा कि हमारे हित में क्या है, हमारे क्षेत्रीय हित में क्या है. पाकिस्तान के हित में क्या है.' 

इसके बाद जल्द ही उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठा दिया.

उन्होंने कहा, 'अगर वे महसूस करते हैं कि भारत के हिस्से वाले कश्मीर में जो भी गड़बड़ी हो रही है, वह सब पाकिस्तान करवा रहा है तो यह गैर यथार्थवादी नजरिया है.' 

Source : News Nation Bureau

Narendra Modi imran-khan Sushma Swaraj India-Pakistan dialogue Shah Mahmud Qureshi
      
Advertisment