कंगाल पाकिस्तान में तो अब खाने के भी लाले, टमाटर और मिर्ची के दाम सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे

आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2013 के बाद पाकिस्तान में मुद्रास्फीति यानि महंगाई दर सबसे अधिक 9.14 फीसदी पर पहुंच गई है. फरवरी तक पाकिस्तान में महंगाई 8.21 फीसदी के आस-पास थी

आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2013 के बाद पाकिस्तान में मुद्रास्फीति यानि महंगाई दर सबसे अधिक 9.14 फीसदी पर पहुंच गई है. फरवरी तक पाकिस्तान में महंगाई 8.21 फीसदी के आस-पास थी

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Dhirendra Kumar
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कंगाल पाकिस्तान में तो अब खाने के भी लाले, टमाटर और मिर्ची के दाम सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे

फाइल फोटो

लंबे समय से भीषण महंगाई और कर्ज की वजह से पाकिस्तान के आर्थिक हालात बदतर हो गए हैं. पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है. आम नागरिकों मिलने वाला हर सामान दोगुने से भी ज्यादा दामों पर मिल रहा है. खाद्य वस्तुओं से लेकर पेट्रोल-डीजल के दाम में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2013 के बाद पाकिस्तान में मुद्रास्फीति यानि महंगाई दर सबसे अधिक 9.14 फीसदी पर पहुंच गई है. बता दें कि फरवरी तक पाकिस्तान में महंगाई 8.21 फीसदी के आस-पास थी. पाकिस्तान अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए लगातार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जा रहा है.

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पाकिस्तान में इस समय महंगाई ने वहां के लोगों का जीना दूभर कर दिया है. खाने-पीने वालों सामानों की बात करें तो इस समय टमाटर 200 रुपये प्रति किलो और मिर्ची 400 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है. वहीं लहसुन के दामों में भी आग लग गई है. आम लोगों को पेट्रोल-डीजल भरवाना भी महंगा पड़ रहा है. इस समय पाकिस्तान में पेट्रोल 100 रुपये लीटर और डीजल 117 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है. महंगाई बढ़ने के साथ ही वहां मजदूरी भी बढ़ गई है. मजदूरों की मजदूरी 600-800 रुपये प्रति दिन और कुशल कारीगरों की आय 1,000-1,300 रुपये प्रति दिन हो गई है. बता दें प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सत्ता में आने से पहले देश में गरीबी दूर करने और नई नौकरियां पैदा करने का वादा किया था.

पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर पहले ही कह चुके हैं कि देश दिवालिया होने के कगार पर आ गया है. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान का विदेशी कर्ज इतनी खतरनाक ऊंचाई पर पहुंचा गया है कि देश कभी भी दिवालिया हो सकता है. असद उमर का कहना है कि मई तक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कर्ज को मंज़ूरी मिल सकती है. 1980 के बाद IMF की ओर से पाकिस्तान को यह 13वां बेलआउट होगा. वहीं पाकिस्तान चीन से भी मदद की आस लगाए हुए है. बता दें कि चीन 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में साझीदार है.

Source : News Nation Bureau

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