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पाकिस्तान की जहरीली चाल, जैश प्रमुख मसूद अजहर को दिया सुरक्षित ठिकाना

वैश्विक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-E-Mohammed) प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) को पाकिस्तान खुफिया और सेना ने सुरक्षा कारणों से बहावलपुर से हटाकर रावलपिंडी (Rawalpindi) शिफ्ट कर दिया है.

Updated on: 09 Mar 2020, 11:06 AM

highlights

  • मसूद अजहर को सुरक्षा कारणों से बहावलपुर से हटाकर रावलपिंडी शिफ्ट किया.
  • पाकिस्तान ने नकारा था और अजहर ने की थी तालिबान की जमकर प्रशंसा.
  • एफएटीएफ की पेरिस बैठक में अमेरिका ने दी थी पाक को कड़ी चेतावनी.

इस्लामाबाद:

वैश्विक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-E-Mohammed) प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) को पाकिस्तान खुफिया और सेना ने सुरक्षा कारणों से बहावलपुर से हटाकर रावलपिंडी (Rawalpindi) शिफ्ट कर दिया है. अफगानिस्तान के तालिबान जेहादियों के अमेरिका का मजाक उड़ाए जाने के चंद दिनों बाद ही पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है. हालांकि अभी तक मसूद अजहर को इस तरह शिफ्ट करने का कोई ठोस कारण इमरान खान (Imran Khan) या पाकिस्तानी सेना की ओर से नहीं दिया गया है.

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रावलपिंडी में है 'सेफ हाउस'
हालांकि आतंक के खिलाफ सक्रिय ऑपरेटिव्स से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जैश प्रमुख मसूद अजहर को 3 मार्च को रावलपिंडी के अति सुरक्षित 'सेफ हाउस' में पहुंचा दिया गया है. इसके ठीक एक दिन पहले रावलपिंडी सैन्य मुख्यालय ने मसूद अजहर और उसके दोनों भाईयों मौलाना रउफ असगर और मौलाना अम्मार से मुलकात की थी. रउफ फिलहाल जैश की कमान संभाले हुए है, जबकि अम्मार जेहादी संगठन की पत्रिका अल कलाम का काम देखता है.

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इमरान सरकार ने वजूद से किया था इंकार
बताते हैं कि पेरिस में संपन्न फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में पाकिस्तान ने मसूद अजहर के वजूद से ही इंकार कर दिया था. हालांकि एफएटीएफ की बैठक के दौरान ही मसूद अजहर का एक पत्र सार्वजनिक हो गया है, जिसमें मसूद अजहर ने एक अन्य जेहादी संगठन तालिबान की अमेरिका को शांति समझौते पर झुकाने के लिए बधाई दी थी. इस पत्र ने इमरान खान सरकार की किरकिरी तो कराई ही, बल्कि अमेरिका ने इमरान सरकार को भी कड़ी चेतावनी जारी की थी.

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अमेरिका की चेतावनी के बाद सकते में इमरान सरकार
इसके बाद ही रावलपिंडी स्थित पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने मसूद अजहर समेत उसके दोनों भाईयों को तलब किया था. बताते हैं इसके बाद ही मसूद अजहर को सुरक्षित ठिकाने में रखने का निर्णय किया गया. विशेषज्ञों की मानें तो मसूद अजहर नब्बे के दशक से तालिबान का प्रबल समर्थक और पैरोकार रहा है. यही नहीं, मसूद अजहर के तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर, अख्तर मंसूर, वर्तमान प्रमुख हिबतुल्लाह अखुंदजादा और जलालुद्दीन और उसके बेटे सिराजुद्दीन द्वारा चलाए जा रहे हक्कानी समूह से अच्छे संबंध हैं.