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कंगाल पाकिस्तान ने अपने ही कारोबारियों के लिए खड़ी की ये नई मुसीबत

पहले ही से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए यह एक और झटके से कम नहीं है और इसका विपरीत असर निर्यात पर पड़ा है.

Updated on: 25 Oct 2019, 07:33 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में कारोबारी एक विचित्र प्रकार की समस्या से जूझ रहे हैं. उनकी दिक्कत यह है कि जिन कंटेनरों में भरकर वह अपना सामान निर्यात करते हैं, उन पर सरकार ने कब्जा कर उन्हें 'आजादी मार्च' रोकने में लगा दिया है. अब दिक्कत यह है कि वे सामान किसमें भेजें. उनका कहना है कि पहले ही से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए यह एक और झटके से कम नहीं है और इसका विपरीत असर निर्यात पर पड़ा है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के 'अजादी मार्च' को रोकने के लिए इमरान सरकार ने करीब चार हजार कंटेनरों को अपने कब्जे में ले लिया है. इन कंटेनरों से मूल रूप से सामान विदेश भेजा जाता है.

पाकिस्तान में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कंटेनरों की दीवार खड़ी कर दी जाती है. इनका इस्तेमाल होता रहा है लेकिन इस बार जिस बड़े पैमाने पर कंटेनरों को सरकार ने जब्त किया है, वह अभूतपूर्व है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एक हफ्ता पहले से ही इन्हें सरकार ने अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया जिससे सामानों के निर्यात पर असर पड़ा है. कारोबारियों का कहना है कि खरीदार सामान तय तिथि पर चाहते हैं. इसमें चूक होने पर ऑर्ड कैंसिल कर दिया जाता है. कंटेनर नहीं होने से समय पर सामान कैसे भेजा जाए. 
रिपोर्ट में कहा गया है कि कारोबारियों ने आरोप लगाया है कि उन कंटेनरों को भी जब्त कर लिया गया जिनमें उनका सामान लोड था.

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पाकिस्तान के एफएमसीजी एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन तनवीर एजाज ने कहा, "खुदरा व्यापारी और बड़े कारोबारी नाराज हैं क्योंकि जो थोड़ा बहुत कारोबार देश में बचा भी था, उसे भी कंटेनरों की जब्ती के जरिए तबाह किया जा रहा है." उन्होंने कहा, "विभिन्न जिला प्रशासनों द्वारा जब्त कर लिए गए अधिकांश कंटेनरों में खाने वाली या ऐसी ही चीजें हैं जो नष्ट हो जाने वाली हैं. कुछ में केमिकल है जिनमें विस्फोट की आशंका है. हमने संबंधित अधिकारियों से यह बातें बताईं लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया."

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कारोबारियों का कहना है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है. राजस्व बढ़ाने के लिए निर्यात को बढ़ावा देने की जरूरत है. लेकिन, ऐसी अवरोध पैदा करने वाली बातों से देश की छवि पर उन देशों में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जो पाकिस्तान से सामान आयात करते हैं.