पाकिस्तान अदालत ने मुंबई हमला मामले की सुनवाई अस्थाई रूप से रोकी

पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी एक अदालत में लश्कर के 7 सदस्यों के खिलाफ 10 साल से अधिक समय से चल रहे मुकदमे में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि पाकिस्तान उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत ना होने का दावा करता है.

पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी एक अदालत में लश्कर के 7 सदस्यों के खिलाफ 10 साल से अधिक समय से चल रहे मुकदमे में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि पाकिस्तान उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत ना होने का दावा करता है.

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Deepak Kumar
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पाकिस्तान अदालत ने मुंबई हमला मामले की सुनवाई अस्थाई रूप से रोकी

मुंबई हमला मामले की पाक में होने वाली सुनवाई अस्थाई रूप से रुकी (फाइल फोटो)

पाकिस्तान की एक अदालत ने 2008 के मुंबई हमला मामले की सुनवाई अस्थाई रूप से रोक दी है ताकि अभियोजन पक्ष और गवाह पेश कर सके. पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी एक अदालत में लश्कर के 7 सदस्यों के खिलाफ 10 साल से अधिक समय से चल रहे मुकदमे में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि पाकिस्तान उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत ना होने का दावा करता है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को संघीय जांच एजेंसी की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें आतंकवाद रोधी अदालत में जारी सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी शामिल हैं.

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लश्कर के जिन 7 आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है उनमें जकी उर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हम्माद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम शामिल है. इन लोगों पर हत्या के लिए उकसाने, हत्या के प्रयास, मुंबई हमलों के लिए योजना बनाने और उसे अंजाम देने के आरोप 2009 से लगे हैं. लखवी को छोड़कर अन्य 6 आरोपियों को रावलपिंडी में उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में रखा गया है.

बता दें कि नवंबर 2008 में कराची से नाव के जरिए मुंबई गए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने भारत की आर्थिक राजधानी में सिलसिलेवार हमले किए थे, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे.

समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के मुताबिक, अदालत ने सुनवाई पर एक सप्ताह की रोक लगाई ताकि अभियोजक 19 में से कुछ गवाहों को गवाही देने के लिए समन जारी कर सकें. सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी के अभियोजक अकरम कुरैशी अदालत में पेश हुए. न्यायमूर्ति कियानी ने कहा कि कई गवाह डर के कारण पेश नहीं हो रहे जबकि कुछ अन्य के ठिकानों का पता ही नहीं चल पाया है.

संघीय जांच एजेंसी के अभियोजक ने पीठ को बताया कि कई गवाहों का पता लगा लिया गया है. इस पर न्यायमूर्ति कियानी ने पूछा कि क्या वे गवाह अदालत में पेश होंगे. तब कुरैशी ने कहा कि उनमें से कुछ गवाहों का पता लगा लिया गया है और वे अदालत में पेश होने के लिए तैयार हैं. न्यायमूर्ति आमिर फारूक ने निचली अदालत में सुनवाई की अगली तारीख के बारे में पूछा, जिसपर संघीय जांच एजेंसी के अभियोजक ने बताया कि आतंकवाद रोधी अदालत में मामले पर सुनवाई की तारीख बुधवार (23 जनवरी) तय की गई है. साथ ही उन्होंने सुनवाई पर रोक के लिए अनुरोध किया.

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अदालत ने अनुरोध स्वीकार कर आतंकवाद रोधी अदालत की सुनवाई को अगले हफ्ते तक निलंबित कर दिया और रजिस्ट्रार को मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तय करने का निर्देश दिया.

Source : News Nation Bureau

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