पाकिस्तान नहीं संभला तो... जुलाई तक 2 लाख हो सकती है कोरोना मरीजों की संख्या
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि अगर इसी समय से कुछ बेहद जरूरी सुरक्षा उपायों पर सख्ती से अमल नहीं किया गया तो पाकिस्तान (Pakistan) में जुलाई के मध्य तक कोरोना मरीजों की संख्या दो लाख तक पहुंच सकती है.
highlights
- पाकिस्तान में जुलाई मध्य तक कोरोना मरीजों की संख्या दो लाख तक पहुंच सकती है.
- पाकिस्तान का स्वास्थ्य देखभाल का ढांचा पहले से ही बहुत दबाव में है.
- डब्ल्यूएचओ ने कुछ बेहद जरूरी सुरक्षा उपायों पर सख्ती से अमल करने का किया आग्रह.
इस्लामाबाद:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि अगर इसी समय से कुछ बेहद जरूरी सुरक्षा उपायों पर सख्ती से अमल नहीं किया गया तो पाकिस्तान (Pakistan) में जुलाई के मध्य तक कोरोना मरीजों की संख्या दो लाख तक पहुंच सकती है. हालांकि पाकिस्तान ने लॉकडाउन की अवधि 15 दिनों के लिए और बढ़ा दी है. अब लॉकडाउन 9 मई तक चलेगा. पाकिस्तान में कोरोना पहले ही 115 जिलों तक फैल चुका है. अगर कोरोना वायरस (Corona Virus) को रोकने के लिए प्रभावी उपाय तत्काल नहीं किए गए तो देश में जुलाई के मध्य तक इस बीमारी के मरीजों की संख्या के दो लाख तक पहुंचने का अंदेशा है.
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डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस एडहानोम ने पाकिस्तानी मीडिया में कहा है कि कोविड-19 पर लगाम लगाने के लिए बनी यह योजना पाकिस्तान सरकार, संयुक्त राष्ट्र और अन्य संबंधित भागीदारों की साझा रणनीति पर आधारित है. उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए खास रणनीति बनानी होगी. पाकिस्तान का स्वास्थ्य देखभाल का ढांचा पहले से ही बहुत दबाव में है. गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और कई अन्य नेता यह आशंका जाहिर कर चुके हैं कि मई के मध्य से पाकिस्तान में कोरोना संकट और गहरा सकता है.
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धार्मिक आधार पर दी जा रही ढील
इसके बावजूद देश में लॉकडाउन में कई तरह की ढील, विशेषकर धार्मिक आधार पर दी जा रही है. पाकिस्तान में शुक्रवार शाम तक कोरना के पुष्ट मामलों की संख्या 11513 हो चुकी थी. इसकी चपेट में आकर अब तक 242 लोग दम तोड़ चुके हैं. पाकिस्तान ने रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज अदा करने की सशर्त अनुमति दी है, जिसने कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने के अभियान को खतरे में डाल दिया है.
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ट्रैक और ट्रेस सिस्टम शुरू हुआ
सरकार ने एक ट्रैक और ट्रेस सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है जिसके तहत कुछ दिनों में लोगों की औचक जांच करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 'डॉन' की खबर के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर आमिर इकराम ने कहा है कि वायरस के स्थानीय स्तर पर फैलने के कारण पूरी स्थिति बदल गई है, इस संकट से निपटने के लिए नीति को बदलने का फैसला किया गया है' इस बीच, अधिकारियों ने लोगों से शुक्रवार को मस्जिदों में भीड़ लगाने के बजाए घर पर ही नमाज़ अदा करने का आग्रह किया है.
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