शहबाज शरीफ के आने से पाकिस्तान-चीन की दोस्ती होगी प्रगाढ़, भारत-अमेरिका की क्या होगी रणनीति?

शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने की खबरों पर चीनी कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि इससे चीन-पाकिस्तान के रिश्ते और बेहतर होंगे.

शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने की खबरों पर चीनी कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि इससे चीन-पाकिस्तान के रिश्ते और बेहतर होंगे.

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Pradeep Singh
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शहबाज शरीफ, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान( Photo Credit : News Nation)

इमरान खान के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शहबाज शरीफ पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बन गए हैं. लंबी चली सियासी हलचल के बाद आखिरकार पाकिस्तान को नया प्रधानमंत्री मिल गया है. अब पाकिस्तान के सियासी हलचल पर दुनियाभर की निगाहें हैं. भारत ने नए प्रधानमंत्री को शुभकामना संदेश दिया है और भारतीय उपमहाद्वीप में शांति की आशा की है. वहीं शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का पीएम बनाए जाने को लेकर चीन की तरफ से कहा गया है कि इससे दोनों देशों के रिश्ते और बेहतर होंगे. जबकि पीएम बनने के बाद शरीफ ने नेशनल एसेंबली को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्ते बेहद पुराने हैं और दोनों मुल्कों की ये दोस्ती कयामत तक कायम रहेगी.

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शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली को संबोधित किया और चीन-भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्तों पर बात की. चीन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए कि चीन पाकिस्तान का एक वफादार, भरोसे के काबिल, अमन और दुख-सुख का साथी है. चीन ने न केवल हर बार पाकिस्तान का साथ दिया है बल्कि इंटरनेशनल फोरम पर भी हमेशा हमारा साथ दिया. पाकिस्तान को हमेशा अपना हमसाया, दोस्त जाना.'

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उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार आए, चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से बेहतर रहे हैं क्योंकि दोनों देशों के लोगों के दिल एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. उन्होंने पिछली इमरान खान सरकार पर चीन से रिश्ते खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोई कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन पाकिस्तान और चीन की दोस्ती को हमसे छीन नहीं सकता. 

शहबाज शरीफ ने कहा, 'हमें बहुत अफसोस कि इस हुकूमत ने क्यों इस तरह का काम किया जिससे पाकिस्तान का करीबी दोस्त हमसे दूर हो जाए. मैं कहना चाहता हूं कि ये दोस्ती शानदार दोस्ती है और ये कयामत तक कायम रहेगी...कोई कुछ भी कर ले.' शहबाज शरीफ ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान इस प्रोजेक्ट पर और तेजी से काम करेगा.

शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने की खबरों पर चीनी कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि इससे चीन-पाकिस्तान के रिश्ते और बेहतर होंगे. अखबार ने लिखा कि इमरान खान सरकार की अपेक्षा शहबाज शरीफ के समय में चीन-पाकिस्तान के रिश्ते और बेहतर हो सकते हैं. 

ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को एक और रिपोर्ट छापी है जिसमें अखबार लिखता है कि प्रधानमंत्री के रूप में शहबाज शरीफ ने अपने पहले ही भाषण में CPEC का जिक्र किया जो बताता है कि पाकिस्तान चीन के साथ अपने दोस्ताना सहयोग को बढ़ाना चाहता है. चीनी विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान में राजनीतिक बदलाव पर टिप्पणी की है. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि पाकिस्तान में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, चीन के साथ उसके रिश्तों पर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'एक करीबी पड़ोसी और पाकिस्तान के घनिष्ठ मित्र के रूप में, चीन को पूरी उम्मीद है कि पाकिस्तान की सभी पार्टियां एकजुट होकर संयुक्त रूप से राष्ट्रीय स्थिरता और विकास की रक्षा कर सकती हैं. मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति चाहे कितनी भी बदल जाए, चीन पाकिस्तान से दोस्ती की नीति का दृढ़ता से पालन करेगा. हमारा मानना ​​है कि पाकिस्तान में राजनीतिक बदलाव से चीन-पाकिस्तान के संबंध प्रभावित नहीं होंगे.'

चीन पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन को सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहा है. इमरान खान सरकार से भी चीन के रिश्ते अच्छे थे. हाल ही में जब चीन में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था तब चीन ने उद्घाटन समारोह में बतौर मेहमान इमरान खान को आमंत्रित किया था. इमरान खान ने अपने इस दौरे में पाकिस्तान में चीनी निवेश पर चर्चा की थी. उन्होंने चीन में पढ़ने वाले पाकिस्तानी छात्रों की चीन वापसी का सवाल भी उठाया था. 

ऐसी खबरें आई थीं कि इमरान खान के कहने पर कई पाकिस्तानी छात्रों को चीन देश वापस आने की अनुमति भी दे रहा है. लेकिन इमरान खान के सत्ता से चले जाने के बाद भी चीन-पाकिस्तान के रिश्तों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ने वाला है. बल्कि चीन के ग्लोबल टाइम्स की मानें तो, रिश्ते और बेहतर होंगे. नवाज शरीफ जब प्रधानमंत्री थे तब चीन की CPEC परियोजना को उन्होंने बड़े उत्साह के साथ मंजूरी दी थी. मार्च 2017 में नवाज शरीफ ने परियोजना की तारीफ करते हुए कहा था कि ये परियोजना क्षेत्र में एक गेम-चेंजर साबित होगी. उन्होंने कहा था कि CPEC पाकिस्तान में तरक्की और संपन्नता का द्वार खोलेगा.

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि पाकिस्तान के पारंपरिक दलों के साथ चीन के रिश्ते हमेशा से ही बेहतर रहे हैं. वहीं इमरान खान को लेकर ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि इमरान खान जब विपक्ष में थे तब CPEC के बड़े आलोचक थे. लेकिन जब सत्ता में आए तब CPEC के प्रशंसक बन गए. इमरान खान के सत्ता से जाने के कारणों का विश्लेषण करते हुए चीन ने लिखा कि सेना के साथ इमरान खान के रिश्ते ठीक न होना भी उनकी हार का एक बड़ा कारण रहा है.

चीन के नजरिए से देखें तो, पाकिस्तान में चाहे किसी की सरकार हो, उसका कोई खास असर पाकिस्तान-चीन रिश्तों पर पड़ने वाला नहीं है. पाकिस्तान की हर सरकार को चीनी निवेश की जरूरत है. चीन के साथ पाकिस्तान की हर सरकार ने रिश्ते बेहतर रखने की कोशिश की है चाहे वो पुरानी नवाज शरीफ की सरकार हो या इमरान खान की. चीन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पाकिस्तान में किसकी सरकार है क्योंकि पाकिस्तान की हर सरकार चीन के प्रति दोस्ताना रवैया रखती है. पाकिस्तान की सरकारों पर शक्तिशाली प्रभाव रखने वाली पाकिस्तानी सेना भी चीन के साथ दोस्ताना संबंधों के पक्ष में रही है.

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध सबसे निचले स्तर पर चले गए थे. इसके साथ ही भारत से पाकिस्तान का संबंध अच्छा नहीं रहा. चीन पाकिस्तान की दोस्ती भारत के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है.  
 

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