कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने बनाया बौद्ध सर्किट, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर कमाना चाहता है धन

पाकिस्तान (Pakistan) के प्रांत खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) की सरकार ने धार्मिक पर्यटन (Religious tourism) को बढ़ावा देने के लिए बौद्ध धर्म से जुड़े स्थानों तक पूरी दुनिया के बौद्ध भिक्षुओं और बौद्ध धर्म के मानने वालों को आकर्षित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की है.

पाकिस्तान (Pakistan) के प्रांत खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) की सरकार ने धार्मिक पर्यटन (Religious tourism) को बढ़ावा देने के लिए बौद्ध धर्म से जुड़े स्थानों तक पूरी दुनिया के बौद्ध भिक्षुओं और बौद्ध धर्म के मानने वालों को आकर्षित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की है.

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nitu pandey
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कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने बनाया बौद्ध सर्किट, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर कमाना चाहता है धन

पीएम इमरान खान( Photo Credit : फाइल फोटो)

पाकिस्तान (Pakistan) के प्रांत खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) की सरकार ने धार्मिक पर्यटन (Religious tourism) को बढ़ावा देने के लिए बौद्ध धर्म से जुड़े स्थानों तक पूरी दुनिया के बौद्ध भिक्षुओं और बौद्ध धर्म के मानने वालों को आकर्षित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की है. इसके लिए बौद्ध सर्किट विकसित किया गया है. पाकिस्तानी मीडिया (Pakistani Media) में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, प्रांत के पुरातत्व व संग्रहालय निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

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उन्होंने कहा कि प्रांत में एक बौद्ध सर्किट (buddhist circuit) विकसित किया गया है. बीस के करीब ऐसी जगहें हैं जहां बौद्ध धर्म से जुड़ी पवित्र चीजें बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं जहां बौद्ध भिक्षु और अन्य विदेशी पर्यटक आना पसंद करेंगे.

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उन्होंने कहा कि यह सर्किट प्रांत के खानपुर से शुरू होकर स्वात में खत्म होगा. इसके बीच बौद्ध धर्म से संबंद्ध जुलियां, भमाला, जिन्ना वाली देहरी, हुंद संग्रहालय, रानी घाट, पेशावर संग्रहालय, गोर खत्री, तख्त बही जैसी जगहें हैं.

उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार पुरातात्विक महत्व की जगहों को विकसित करने के लिए एक अरब (पाकिस्तानी) रुपये खर्च कर रही है. इससे निश्चित ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राजस्व अर्जित होगा.

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उन्होंने कहा कि इलाके की गंधारा सभ्यता के निशान बौद्ध धर्म के मानने वालों और पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण हैं.

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