logo-image

PAK कर रहा था तालिबान को शामिल करने की मांग, 25 सितंबर को होने वाली SAARC की बैठक रद्द

सार्क में शामिल अधिकतर देश तालिबान को भी बैठक में शामिल करने की पाकिस्तान की मांग के खिलाफ थे. सार्क देशों की बैठक रद्द होने के संबंध में आधिकारिक पत्र जारी हो गया है.  

Updated on: 21 Sep 2021, 10:53 PM

highlights

  • 25 को होने वाली SAARC की बैठक रद्द
  • PAK कर रहा था तालिबान को शामिल करने की मांग
  • सार्क के देश तालिबान सरकार के थे खिलाफ 

नई दिल्ली:

न्यूयॉर्क में  25 सितंबर को होने वाली दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की बैठक रद्द हो गयी है. बैठक में सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की आपसी बातचीत होनी थी. पाकिस्तान इस बैठक में तालिबान को भी शामिल करने की मांग कर रहा था. सार्क में शामिल अधिकतर देश तालिबान को भी बैठक में शामिल करने की पाकिस्तान की मांग के खिलाफ थे. सार्क देशों की बैठक रद्द होने के संबंध में आधिकारिक पत्र जारी हो गया है. अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज हो गया है. तालिबान एक के बाद एक प्रांत पर प्रांत जीतते हुए राजधानी काबुल तक पहुंच गया और राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा. अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज हुआ तो विश्व समुदाय ने वेट एंड वॉच की नीति अपना ली. हालांकि, चीन और पाकिस्तान जैसे देश तालिबान की सरकार को मान्यता दिलाने का लगातार अभियान चला रहे है.

यह भी पढ़ें:अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा करता रहेगा: बाइडेन

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (The South Asian Association for Regional Cooperation-SAARC) की स्थापना 8 दिसंबर,1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ की गई थी. दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग का विचार सर्वप्रथम नवंबर 1980 में सामने आया था. सात संस्थापक देशों- बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव नेपाल, पाकिस्तान एवं श्रीलंका के विदेश सचिवों के परामर्श के बाद इनकी प्रथम मुलाकात अप्रैल 1981 में कोलंबिया में हुई थी. अफगानिस्तान वर्ष 2005 में आयोजित हुए 13वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में  सार्क का सबसे नया सदस्य बना. इस संगठन का मुख्यालय एवं सचिवालय नेपाल के काठमांडू में अवस्थित है.

सार्क का सिद्धांत 

सार्क के फ्रेमवर्क के तहत सहयोग निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित होगा: 

संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता, अन्य राज्यों के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप एवं पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों का सम्मान करना. 

इस प्रकार का क्षेत्रीय सहयोग अन्य द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग का विकल्प न होकर उसका एक पूरक होगा.

ऐसा क्षेत्रीय सहयोग अन्य द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दायित्वों के साथ असंगत नहीं होगा.

सार्क में आठ सदस्य देश शामिल हैं

अफगानिस्तान
 बांग्लादेश
 भूटान
 भारत 
मालदीव 
नेपाल
 पाकिस्तान 
श्रीलंका