पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुलजार अहमद ने चेतावनी दी है कि अगर कोहाट सेंटर में बंद आरिफ गुल को मंगलवार तक न्यायालय के समक्ष पेश नहीं किया गया तो प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ समन जारी करने में उन्हें कोई हिचकिचाहट नहीं होगी।
उन्होंने सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था अगर आरिफ गुल को न्यायालय के समक्ष पेश नहीं किया गया तो क्या हमें अदालत को बंद कर देना चाहिए।
न्यायमूर्ति गुलजार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने गुल के परिचित की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही है। गुल के परिजनों ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उसके ठिकाने तथा उसके बारे में जानकारी मांगी थी। इससे पहले उच्चत्तम न्यायालय ने गुल को सोमवार तक पेश किए जाने का आदेश दिया था।
मगर इस बीच खबर पख्तूनखवा के महाधिवक्ता सुमेल बट तथा अतिरिक्त महान्यायवादी साजिद इलियास ने कहा था कि इस्लामाबाद तथा कोहाट के बीच की दूरी को देखते हुए आरिफ गुल को सोमवार तक अदालत में पेश किया जाना संभव नहीं है।
समाचार पत्र द डान के मुताबिक इस मामले की सुनवाई उसे मंगलवार तक पेश किए जाने तक टाल दी है। गुल पर 2019 में कांदाउ की एक सुरक्षा पोस्ट पर हमला करने का आरोप है और उसके बाद से उसे कोहाट नजरबंदी केन्द्र में रखा गया है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा अगर आरिफ को अदालत के समक्ष पेश किया जाता है तो क्या सुप्रीम कोर्ट की इमारत गिर जाएगी? अगर किसी बंदी को हमारे सामने पेश नहीं किया जाता है तो हमें इस न्यायालय को बंद कर देना चाहिए।
न्यायमूर्ति अहमद ने महाधिवक्ता को यह भी बताया कि कि अगर गुल को न्यायालय के समक्ष पेश नहीं किया गया तो उनके पास पूरी रक्षा मशीनरी को अपने समक्ष हाजिर कराने की क्षमता है।
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Source : IANS