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पाक विदेश मंत्री ने सेना प्रमुख पर जुनून पैदा किए जाने की निंदा की

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने सेना प्रमुख की होने वाली नियुक्ति को लेकर गपशप, बहस और अटकलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी है कि इस विशेष पद के प्रति राष्ट्रीय जुनून पैदा किए जाने का हमारे लोकतंत्र की स्थिरता में योगदान नहीं होगा और न ही यह राष्ट्र को बढ़ने में मदद करेगा.  डॉन के मुताबिक, डॉव यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (डीयूएचएस) ओझा कैंपस में एक समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बिलावल ने सत्ताधारी गठबंधन के उन नेताओं की भी आलोचना की, जो सार्वजनिक रूप से सेना प्रमुख की नियुक्ति को लकर राष्ट्रीय मीडिया पर लगातार चर्चा कर रहे हैं.

Updated on: 16 Nov 2022, 07:38 PM

कराची:

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने सेना प्रमुख की होने वाली नियुक्ति को लेकर गपशप, बहस और अटकलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी है कि इस विशेष पद के प्रति राष्ट्रीय जुनून पैदा किए जाने का हमारे लोकतंत्र की स्थिरता में योगदान नहीं होगा और न ही यह राष्ट्र को बढ़ने में मदद करेगा.  डॉन के मुताबिक, डॉव यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (डीयूएचएस) ओझा कैंपस में एक समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बिलावल ने सत्ताधारी गठबंधन के उन नेताओं की भी आलोचना की, जो सार्वजनिक रूप से सेना प्रमुख की नियुक्ति को लकर राष्ट्रीय मीडिया पर लगातार चर्चा कर रहे हैं.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की हाल की टिप्पणी के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि काफी लंबे समय से सीओएएस की नियुक्ति पर बेवजह चर्चा की जा रही है. उन्होंने कहा, हम इस विषय पर पूरी तरह से अनावश्यक राजनीति देख रहे हैं. हम चाहे सत्तापक्ष में हों या विपक्ष में, हमें ऐसा नहीं करना चाहिए. हमें अपने राष्ट्रीय हित को अपनी प्राथमिकता के रूप में रखना चाहिए. इमरान खान की राजनीति वास्तव में इसी के इर्द-गिर्द घूमती है.

बिलावल ने कहा, इस मुद्दे (सीओएएस नियुक्ति) पर मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि जब तक हमारी राजनीति इस विषय से बाहर नहीं आती है, तब तक हमारा लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा और हम एक राष्ट्र के रूप में विकसित नहीं होंगे.

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बिलावल ने दोहराया कि इस तरह का कोई भी फैसला संविधान के साथ बने रहने के सरकार के संकल्प को दर्शाता है.