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जंग का मैदान बना पाकिस्तान, इमरान खान के प्रदर्शनकारी और सुरक्षा बल आमने-सामने

जंग का मैदान बना पाकिस्तान, इमरान खान के प्रदर्शनकारी और सुरक्षा बल आमने-सामने

Updated on: 25 May 2022, 05:15 PM

हमजा अमीर

इस्लामाबाद:

इमरान खान के इस्लामाबाद की ओर लॉन्ग मार्च के आह्वान के बाद पाकिस्तान के प्रमुख शहरों से सरकार विरोधी अभियान शुरू हो गया है।

इसके साथ ही राजधानी इस्लामाबाद कंटेनर, नाकाबंदी, कंटीले तारों और सुरक्षा तैनाती से घिरे बंकर में बदल गई है। शहबाज शरीफ सरकार ने यह कदम तब उठाया, जब उसने राजधानी में पीटीआई के लॉन्ग मार्च और सरकार विरोधी धरना प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

सरकार के फैसले को इमरान खान ने खारिज कर दिया, जिन्होंने घोषणा की कि वह पेशावर से लॉन्ग मार्च निकालेंगे। खान ने अपने सभी समर्थकों, विशेषकर युवाओं से देश के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में बाहर आने और राजधानी की ओर मार्च करने का आह्वान किया है।

बुधवार सुबह से, देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब प्रांत में अराजक ²श्य देखे गए हैं, जहां पीटीआई प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक टकराव देखने को मिला। पुलिस अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सैकड़ों पीटीआई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि पंजाब प्रांत के विभिन्न हिस्सों से हिंसक टकराव की खबरें आ रही हैं।

वहीं सरकार की ओर से भी विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं। संघीय (केंद्र) सरकार ने राजधानी में रेड जोन को सुरक्षित करने के लिए पाकिस्तानी सेना को बुलाने का फैसला किया है, जिसमें सरकारी कार्यालय और राजनयिक एन्क्लेव शामिल हैं। इसके अलावा, राजधानी इस्लामाबाद के उन सभी प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जो अन्य शहरों और मार्गों को आपस में जोड़ते हैं। ऐसे स्थानों पर कंटेनर्स के साथ ही बेरिकेडिंग की गई है और वहां सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।

इमरान खान पेशावर से वली इंटरचेंज पहुंचे हैं और उन्होंने पेशावर-इस्लामाबाद मोटर मार्ग से विशेष रूप से बने कंटेनर उर्फ कारवां में राजधानी की ओर कूच किया है।

प्रदर्शनकारियों का सुरक्षा बलों के साथ हिंसक टकराव जारी है, क्योंकि वे इस्लामाबाद पहुंचने के लिए कंटेनरों और नाकाबंदी के बीच से ही अपना रास्ता बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।

दूसरी ओर, इमरान खान ने भी देर रात धरना स्थल को बदल दिया और उन्होंने अब श्रीनगर हाईवे से डी-चौक पर प्रदर्शन करने करने का फैसला किया है, जहां उन्होंने 2014 में नवाज शरीफ की तत्कालीन सरकार के खिलाफ 126 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था।

सरकार का आरोप है कि पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के गाड़ियों से हथियार बरामद किए जा रहे हैं।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने आरोप लगाया है कि पंजाब पुलिस ने पीटीआई के जुबैर नियाजी और बजाज नियाजी के नेतृत्व में लाहौर में पीटीआई के वाहनों से हथियार बरामद किए हैं।

पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज शरीफ ने बरामद हथियारों की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, यह तथाकथित लॉन्ग मार्च का बदसूरत चेहरा है। (पीटीआई के) ये इरादे हैं।

सरकार का कहना है कि इमरान खान ने सरकार या अदालतों को अपने लॉन्ग मार्च के दौरान हिंसा का सहारा नहीं लेने का कोई आश्वासन नहीं दिया है और न ही उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह राजधानी के रेड जोन की ओर विरोध का नेतृत्व नहीं करेंगे।

2014 में जो हुआ उसे याद करते हुए, आंतरिक (गृह) मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा, पिछली बार इमरान खान इस्लामाबाद के लिए अपना लॉन्ग मार्च लेकर आए थे, उन्होंने लिखित गारंटी दी थी कि वह इस्लामाबाद के बारा काहू में अपना मार्च करेंगे। लेकिन बाद में, इसका उल्लंघन किया गया और उन्होंने अपने समर्थकों से रेड जोन की ओर आगे बढ़ने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि कैसे पीटीवी मुख्यालय पर हमला किया गया था। संसद पर कैसे हमला किया गया था। और.. इमरान खान कैसे राज्य संस्थानों पर इन हमलों पर दर्ज की गई जीत की घोषणा कर रहे थे। हम इस बार उन पर भरोसा नहीं कर सकते, वह भी तब जब उन्होंने कोई आश्वासन या गारंटी देने से इनकार कर दिया है।

मंत्री ने कहा कि सरकार फिर से ऐसा करने की अनुमति देकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है।

दूसरी ओर, इमरान खान ने कहा है कि वह नहीं रुकेंगे और इस्लामाबाद की ओर मार्च करेंगे, जब तक कि सरकार भंग नहीं हो जाती और जल्दी चुनाव नहीं बुलाए जाते, तब तक संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

पाकिस्तान में जमीनी स्थिति गंभीर बनी हुई है क्योंकि सुरक्षा बलों और पीटीआई के समर्थकों के बीच हर गुजरते घंटे के साथ और अधिक हिंसा और टकराव की आशंका बनी हुई है।

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