अफगानिस्तान में तालिबान के क्रूर शासन के कारण अभी भी बहुत सी जिंदगियों पर खतरा मंडरा रहा है. मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा कि अफगानिस्तान में उसके समुदाय के 700 से अधिक सदस्यों की जान खतरे में है. इससे पहले सितंबर में IOC के अध्यक्ष थॉमस बाख ने कहा था कि सभी अफगान टोक्यो खेलों के एथलीटों के साथ-साथ 2022 शीतकालीन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद वाले दो खिलाड़ी देश छोड़ चुके हैं. तालिबान की नई सरकार ने 15 अगस्त से अफगानिस्तान में अपना शासन शुरू किया था. इस दौरान अमरीका समर्थित प्रशासन को उखाड़ फेंका गया था.
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आईओसी ने कहा कि उसे चिंता कि " वहां पर मुख्य रूप से खेल का अभ्यास करने वाली महिलाएं और लड़कियां हैं, साथ ही उनका समर्थन करने वाली और खेल में महिलाएं भी हैं. अफगान ओलंपिक समुदाय के इन सदस्यों के संबंध में, आईओसी दो अलग-अलग तरीकों से अपनी सहायता जारी रखे हुए है. "सबसे पहले, वह उन्हें सुरक्षित देशों में निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. दूसरा,आईओसी को सूचित किया गया है कि जिन लोगों को रहना है, वे भोजन और कपड़ों की उपलब्धता के संबंध में देश में मानवीय संकट से पीड़ित हैं.
दोनों मामलों में, कतर की एनओसी (राष्ट्रीय ओलंपिक समिति) ने काबुल से परिवहन और मानवीय सहायता के वितरण के संबंध में रसद सहयोग की पेशकश की है. गौरतलब है कि तालिबान शासन आने के कारण अफगानिस्तान में लगातार अत्याचार की घटनाएं देखने को मिल रही हैं. यहां पर महिलाओं को काफी परेशानी सामना करना पड़ रहा है.
Source : News Nation Bureau