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सड़क से संसद तक नेपाल के PM केपी ओली का हो रहा विरोध, विदेश नीति पर उठे सवाल

विपक्षी दल ओली की विदेश नीति को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं. जनता के सड़क पर उतरने के कारण केपी ओली की पार्टी में ही उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई है.

Updated on: 08 Jul 2020, 08:21 AM

काठमांडू:

नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (K P Sharma Oli) का उनके ही देश में सड़क से लेकर संसद तक विरोध शुरू हो गया है. नेपाल की जनता उनके इस्तीफे की मांग कर रही है. दूसरी तरफ विपक्षी दल ओली की विदेश नीति को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं. जनता के सड़क पर उतरने के कारण केपी ओली की पार्टी में ही उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई है.  

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चीन के राजदूत का हो रहा विरोध
नेपाल में चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. चीन के राजदूत हाओ यान्की और काठमांडू में चीन के मिशन के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इस कारण केपी ओली अपनी ही सरकार और विपक्ष के सीधे निशाने पर आ गए हैं. दरअसल हाओ पिछले 48 घंटों के दौरान कई वरिष्ठ नेपाली नेताओं से मिले हैं, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार और झाला नाथ खनाल शामिल हैं.

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ओली सरकार की विदेश नीति पर उठे सवाल
विपक्षी दलों ने ओली सरकार पर अपरिपक्व विदेशी नीति पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. विपक्षी दलों ने मंगलवार को एक बैठक भी की. इसमें निष्कर्ष निकाला गया कि ओली सरकार ने बहुत ही असंतुलित और गैर-जिम्मेदार विदेश नीति अपनाई है, जो नेपाल के अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों में बाधा पैदा कर रही है. नेपाली कांग्रेस (NC) और जनता समाज पार्टी (JSP) के नेताओं के मुताबिक ओली सरकार की इस विदेश नीति से पड़ोसियों के साथ संबंध बिगड़ने के साथ-साथ बहुत जटिल हो गए हैं. नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष बिमलेंद्र निधि ने भारत का नाम लिए बिना कहा, "बैठक का निष्कर्ष है कि नेपाल सरकार की अपरिपक्व विदेश नीति के कारण अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाने में कठिनाइयां आ रही हैं."