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अपने 'सच्चे मित्र' प्रणब मुखर्जी की याद में बांग्लादेश में एक दिन का राजकीय शोक

बांग्लादेश ने अपने ‘सच्चे मित्र’ प्रणब मुखर्जी के सम्मान में बुधवार को राजकीय शोक मनाया और 1971 के मुक्ति संग्राम और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में उनके

Updated on: 02 Sep 2020, 05:11 PM

ढाका:

बांग्लादेश ने अपने ‘सच्चे मित्र’ प्रणब मुखर्जी के सम्मान में बुधवार को राजकीय शोक मनाया और 1971 के मुक्ति संग्राम और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में उनके "उत्कृष्ट और अविस्मरणीय" योगदान को याद किया. श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भी मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें श्रीलंका तथा श्रीलंकाई अवाम का प्रिय मित्र बताया. सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्वायत्त और निजी संस्थानों और विदेशों में बांग्लादेश के मिशनों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा.

मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे. एक बयान में बांग्लादेश सरकार ने विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों से मुखर्जी के लिए विशेष प्रार्थना की अपील की. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर कहा कि भारत के एक प्रसिद्ध विद्वान और राजनेता तथा दक्षिण एशिया के प्रतिष्ठित नेता मुखर्जी सभी के बीच सम्मानित थे.

उन्होंने कहा कि भारत के लोगों के कल्याण के लिए भारत रत्न मुखर्जी का अथक परिश्रम न केवल भारत में बल्कि क्षेत्र के देशों में नेताओं की भावी पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा. हसीना ने मुखर्जी को "सच्चा दोस्त" बताया और कहा कि "बांग्लादेश के लोग हमेशा उन्हें काफी सम्मान और प्यार देते थे."

उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान की भी चर्चा की. हसीना ने कहा कि मुखर्जी ने हमेशा उनके परिवार की मदद की जब 1975 में अपने पिता और बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद वे निर्वासित होकर भारत में थीं.

हसीना ने कहा, "उस बुरे समय में मुखर्जी ने हमेशा मेरे परिवार का ख्याल रखा और किसी भी आवश्यकता में साथ खड़े रहे." बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से उप-महाद्वीप के राजनीतिक क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति हुई है. उधर श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने बुधवार को मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी और उन्हें श्रीलंका तथा उसके लोगों का सच्चा मित्र बताया.

राजपक्षे ने कोलंबो में इंडिया हाउस गए और भारतीय उच्चायोग द्वारा रखी गयी शोक पुस्तिका में अपना शोक संदेश लिखा. महिंद्रा ने कहा, "दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति श्रीलंका और उसके लोगों के प्रिय मित्र थे. भारतीय जनता, श्रीलंका और पूरी दुनिया को उनके दोस्ताना नेतृत्व का अभाव महसूस होगा." उच्चायोग ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए एक ट्विटर पोस्ट में कहा, " दुख की इस घड़ी में आपके (महिंद्रा) और श्रीलंकाई लोगों द्वारा जतायी गयी संवेदना पूर्व राष्ट्रपति के परिवार और और भारतीय लोगों को सांत्वना प्रदान करेगी."