करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन मौके पर इमरान खान ने फिर अलापा कश्मीर राग

उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे से दोनों देशों के बीच 70 सालों से नफरत पलता गया और यही समय है कि दोनों पक्ष दोनों देशों के विकास एवं समृद्धि का नया मार्ग तैयार करने के लिए इसके समाधान का प्रयास करें.

उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे से दोनों देशों के बीच 70 सालों से नफरत पलता गया और यही समय है कि दोनों पक्ष दोनों देशों के विकास एवं समृद्धि का नया मार्ग तैयार करने के लिए इसके समाधान का प्रयास करें.

author-image
yogesh bhadauriya
New Update
CAB पर भड़का पाकिस्तान, कहा- इस बिल से पड़ोसी देशों के मामले में दखल की कोशिश

(फाइल फोटो)( Photo Credit : News State)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के मौके पर कश्मीर मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीरियों के लिए इंसाफ सुनिश्चित करने से भारत एवं पाकिस्तान के बीच संवाद के नये चैनल खुलेंगे तथा उनके संबंधों में सुधार आएगा. उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे से दोनों देशों के बीच 70 सालों से नफरत पलता गया और यही समय है कि दोनों पक्ष दोनों देशों के विकास एवं समृद्धि का नया मार्ग तैयार करने के लिए इसके समाधान का प्रयास करें. खान ने उम्मीद जतायी कि करतारपुर गलियारे के खुल जाने से दुनियाभर में सिखों में सद्भावना पैदा होगी . उन्होंने कहा कि गुरूद्वारा करतारपुर साहिब का सिखों के लिए वही महत्व है जो मदीना का मुसलमानों के लिए महत्व है.

Advertisment

मदीना सऊदी अरब में एक पवित्र शहर है जहां पैगंबर ने अपने जीवन के आखिरी कुछ साल गुजारे थे. कश्मीर को लेकर द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच लोगों के मध्य आपसी संवाद की इस बिरले एवं ऐतिहासिक पहल के तहत करतारपुर गलियारे को भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है. इससे उन्हें पाकिस्तान के नरोवाल में सिखों के पावन स्थल तक वीजामुक्त आवागमन में मदद मिलेगी. खान ने पर्दा हटाकर करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया.

यह भी पढ़ें- पिछले ढाई साल में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ 18 बार गए अयोध्या :BJP नेता

इस पर्दे को गर्म हॉट एयर बलून की मदद से उठाया गया. उद्घाटन स्थल पर विशाल आकार के ‘कृपाण’ को प्रदर्शित किया गया. इस मौके पर मौजूद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू सहित 12,000 श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए खान ने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि हम आपके लिए यह कर सके.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझ पर यकीन कीजिए, एक साल पहले तक मैं करतारपुर के महत्व को लेकर अनभिज्ञ था, मुझे सालभर पहले ही इसका पता चला. ’’ खान ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीरियों के लिए इंसाफ सुनिश्चित करने से भारत एवं पाकिस्तान के बीच संवाद के नये चैनल खुलेंगे तथा उनके संबंधों में सुधार आएगा. उन्होंने कहा, ‘‘ उम्मीद है कि एक दिन हमारे संबंध सुधरेंगे.’’ गुरुनानक देव ने अपने जीवन के आखिरी 18 साल करतारपुर साहिब में बिताए थे जो अब दुनिया का सबसे बड़ा गुरुद्वारा बन गया है. खान ने पैगंबर मोहम्मद, नेल्सन मंडेला और सूफी संतों का उदाहरण देते हुए कहा कि एक सच्चा नेता हमेशा लोगों को एकसाथ लाता है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं हमेशा आने वाले सिख समुदाय को देख कर खुश होता हूं.

ईश्वर सभी के दिलों में रहता है. जो भी पैगंबर यहां आए हैं और यहां से गये हैं, वे सभी अपने साथ केवल दो संदेश लेकर आए जो ‘शांति’ और ‘न्याय’ के संदेश रहे हैं.’’ उससे पहले खान ने करतारपुर स्थित दरबार सहिब के विभिन्न हिस्सों के दर्शन किए. उन्होंने भारत के गुरदासपुर स्थित बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ने वाले इस गलियारे के रास्ते आए भारतीय सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे का स्वागत किया.

उन्होंने भारतीय जत्थे के साथ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हाथ मिलाया और उनका अभिवादन किया. इस मौके पर सिद्धू ने कहा, ‘‘ आपने दिल जीत लिया है.’’ पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूरउल हक कादरी ने कहा कि करतारपुर गलियारा खोलना विभाजन के बाद से शांति और प्रेम का सबसे बड़ा संदेश है. उससे पहले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि करतारपुर के दरवाजे सिख श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. उन्होंने कश्मीर मुद्दे को याद करते हुए कहा, ‘‘ अगर बर्लिन की दीवार गिराई जा सकती है, अगर करतारपुर गलियारे को खोला जा सकता है तो नियंत्रण रेखा की अस्थाई सीमा को भी खत्म किया जा सकता है.’’ उससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 500 श्रद्धालुओं को गुरदासपुर से करतारपुर के लिए रवाना किया था और कहा था कि करतारपुर गलियारा खुलने से दरबार साहिब गुरुद्वारे में दर्शन करना आसान हो जाएगा . मोदी ने कहा था कि देश को करतारपुर गलियारा समर्पित कर पाना उनका सौभाग्य है. उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा और एकीकृत जांच चौकी के खुलने से लोगों को दोगुनी खुशी मिलेगी. इस पहले जत्थे में अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी शामिल रहे.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य और पंजाब के सभी 117 विधायक और सांसद भी इस जत्थे का हिस्सा रहे. खान ने सिखों को गुरू नानक देव के 550वें प्रकाशपर्व की बधाई देते हुए कहा था कि करतारपुर गलियारे का खुलना ऐतिहासिक है और यह क्षेत्रीय शांति के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता का सबूत है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम मानते हैं कि क्षेत्र में खुशहाली और आने वाली पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का रास्ता शांति में है. आज हम केवल सीमा ही नहीं खोल रहे हैं बल्कि सिख समुदाय के लिए दिल के दरवाजे भी खोल रहे हैं.’’ इस गलियारे का उद्धाटन ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है. भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद से यह तनाव और बढ़ गया. उल्लेखनीय है कि तनावपूर्ण संबंध होने के बावजूद भारत और पाकिस्तान ने पिछले महीने करार किया था जिससे करतारपुर गलियारे के उद्घाटन का रास्ता साफ हुआ. करार के तहत पाकिस्तान रोजाना 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में दर्शन करने की अनुमति देगा.

Source : PTI

imran-khan
      
Advertisment