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Corona वैक्सीन न लेने वालों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है Omicron: WHO

ओमीक्रॉन से संक्रमित लोगों की बीमारी किसी भी स्तर तक जा सकती है. बिना लक्षण के संक्रमण से लेकर गंभीर बीमारी और मृत्यु तक की आशंका है.

Updated on: 24 Jan 2022, 06:41 AM

highlights

  • भारत में सात दिनों में 33 फीसदी बढ़ा कोरोना संक्रमण
  • कोरोना मौतों में भी दर्ज की गई 44 फीसदी की वृद्धि
  • डब्ल्यूएचओ ने कहा हल्के में कतई नहीं लें ओमीक्रॉन को

जेनेवा:

कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) के मामलों में पिछले सात दिनों में 33 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि इसकी वजह से होने वाली मौतों में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. अगर वैश्विक आंकड़ों को देखें तो कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के मामलों में आठ प्रतिशत और इससे होने वाली मौतों में सात प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के एक शीर्ष अधिकारी ने कोरोना टीकाकरण (Vaccination) न कराने वालों को गंभीर चेतावनी जारी की है. इसके मुताबिक भारत में कोरोना कम्युनिटी ट्रांसमिशन के दौर में पहुंच चुका है. यह पाया गया है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमीक्रॉन (Omicron) कम गंभीर है लेकिन फिर भी यह एक खतरनाक वायरस है.

ओमीक्रॉन को हल्के में कतई न लें
विश्व स्वास्थ्य संगठन की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन केरखोव ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ओमीक्रॉन से संक्रमित लोगों की बीमारी किसी भी स्तर तक जा सकती है. बिना लक्षण के संक्रमण से लेकर गंभीर बीमारी और मृत्यु तक की आशंका है. उन्होंने कहा कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, अधिक उम्र के लोग और जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उन्हें ओमीक्रॉन से संक्रमण के बाद कोविड-19 की गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. वह कहती हैं कि यह डेल्टा से कम गंभीर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह हल्का है. 

कोरोना के वेरिएंट ऑफ कंसर्न में ओमीक्रॉन का प्रसार कहीं तेज
उन्होंने कहा कि कोरोना के अन्य वेरिएंट ऑफ कंसर्न की तुलना में ओमीक्रॉन कहीं अधिक तेजी से फैलता है. संक्रमण फैलाने के मामले में ओमीक्रॉन पहले वाले डेल्टा वेरिएंट से भी आगे निकल चुका है. हालांकि इसका यह मतलब भी कतई नहीं है कि सभी लोग कभी न कभी ओमीक्रॉन के संक्रमण का शिकार बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ अन्य विशेषज्ञों के साथ काम कर रहा है ताकि वेरिएंट के संपर्क को कम करने के लिए प्रभावी और व्यापक रणनीति बनाई जा सके. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के साथ-साथ कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के बताए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना भी जरूरी है.