पहले गरीबों खासकर हर रोज हाड़-तोड़ मेहनत कर दो वक्त की रोटी कमाने वालों की आड़ में 'नया पाकिस्तान' बनाने का दावा कर सत्ता में आए इमरान खान कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण को रोकने में अपनी नाकामी छिपाते नजर आए. उन्होंने तर्क दिया कि कोरोना लॉकडाउन से हर रोज कमाने वालों के सामने रोटी के लाले पड़ जाएंगे. इसके पहले वह ईरान और अन्य देशों से आए लोगों के कोरोना टेस्ट कराने में विफल रहे थे. इसका नतीजा यह निकला कि पाकिस्तान (Pakistan) में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण तेजी से फैला. अब जब संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, तो इमरान खान (Imran Khan) सरकार मृतकों के आंकड़ों को दबाने की फिराक में लगी है. सरकार की तरफ से सिर्फ 143 मौतों की ही पुष्टि अब तक की गई है. यह अलग बात है कि सिर्फ कराची में ही बीते 49 दिनों में अलग-अलग कब्रिस्तानों में 3265 शवों को दफनाया जा चुका है. बताया जा रहा है कि तबलीगी जमात के लोगों पर रोक नहीं लगा पाने से मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
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आबादी और बद्तर हालात के सापेक्ष मृतक संख्या काफी कम
आलम यह है कि पाकिस्तान में भी हर दिन कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि डॉक्टर्स के पास पीपीई, मास्क और दस्ताने न होने के बावजूद भी जनसंख्या के मुकाबले यहां कोरोना संक्रमण के मामले काफी कम हैं. पाकिस्तान में अभी तक आधिकारिक तौर पर कोरोना के 7400 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 143 लोगों की मौत हुई है. अब कराची से एक ऐसी खबर आ रही है जिससे पाकिस्तान सरकार पर फिर सवाल उठने लगे हैं. कराची शहर के कब्रिस्तानों में बीते 49 दिनों में 3265 शवों को दफनाया गया है.
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इमरान सरकार ने मृतकों की बड़ी संख्या को किया खारिज
द ट्रिब्यून के मुताबिक कराची प्रशासन ने ही ये आंकड़े गुरुवार को जारी किए. इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी ख़बरें आयीं थीं कि कराची के अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में मौतें हो रहीं हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें छुपा रहा है. हालांकि इमरान सरकार ने इन दावो को सिरे से खारिज कर दिया था. ट्रिब्यून ने कराची में दफनाए गए इन हजारों लोगों के बारे में अफसरों से बात करने की कोशिश की है, लेकिन फ़िलहाल कोई ये नहीं बता पा रहा है कि इतने मौतें कैसे हुई हैं.
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कराची के आंकड़े कह रहे अलग कहानी
3265 शवों को दफनाए जाने का आंकड़ा कराची मेट्रोपॉलिटिन कॉर्पोरेशन ने ही जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक डिस्ट्रिक्ट सेन्ट्रल में 181, यासिनाबाद में 76, साखी हसन में 273, अल नूर में 30, मोहम्मद शाह कब्रिस्तान में 681, घसदर बाबा कब्रिस्तान में 430 शवों को दफनाया गया है. इन आंकड़ों के मुताबिक कराची के सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी में साल के शुरूआती तीन महीनों में 10,791 लोग लाए गए थे, जिनमें से 121 की मौके पर ही मौत हो गयी थी. इन कब्रिस्तानों में दफनाई गई लाशों का सीधा संबंध कराची के सरकारी अस्पतालों से है, लेकिन इनमें से कितने लोगों को कोरोना था इसका पता अभी नहीं लग पाया है.
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तबलीगी जमात से जुड़ रहे हैं कोरोना के तार
हालांकि इंडोनेशिया, मलेशिया और भारत के बाद पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस फैलने के लिए तबलीगी जमात को काफी हद तक जिम्मेदार माना जा रहा है. शुक्रवार को तबलीगी के 429 सदस्य सिंध प्रांत में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके अलावा पंजाब में भी 1100 से ज्यादा तबलीगी से जुड़े लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. तबलीगी जमात ने मार्च में सरकार के मना करने के बावजूद इज्तमा का आयोजन किया था और ईरान के आलावा पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण का प्रमुख हॉटस्पॉट पंजाब के रायविंड शहर में तबलीगी का मदरसा ही है.
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पाकिस्तान में तबलीगी जमात के 429 सदस्य संक्रमित पाए गए
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तबलीगी जमात संगठन के 429 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने बताया कि पंजाब प्रांत के रायविंड में तबलीगी जमात के वार्षिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 429 सदस्यों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. उन्होंने बताया कि वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर सभी संक्रमितों को पृथक वास में भेजा गया है. वहीं, पाकिस्तान में शुक्रवार को 137 संक्रमित लोगों मौत के साथ संक्रमण के मामलों की कुल संख्या बढ़ कर 7,260 पर पहुंच गई.
HIGHLIGHTS
- कराची में ही बीते 49 दिनों में अलग-अलग कब्रिस्तानों में 3265 शवों को दफनाया गया.
- इमरान सरकार पर अपनी नाकामी छिपाने के लिए मृतकों की संख्या छिपाने का आरोप.
- पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस फैलने के लिए तबलीगी जमात काफी हद तक जिम्मेदार.
Source : News State