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अब ब्रिटेन की रूस को खरी-खरी, कहा- यूक्रेन पर भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने यहां लॉरी इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में अपने संबोधन के जरिये रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील की कि रूस यूक्रेन के साथ लगती सीमा से किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई से बचे.

Updated on: 22 Jan 2022, 07:30 AM

highlights

  • अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने सख्त किए अपने तेवर
  • यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस को जारी की चेतावनी
  • रूस और यूक्रेन के लाखों सैनिक सीमा पर हैं डटे

लंदन:

एक दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन की रूस को सख्त चेतावनी के बाद ब्रिटेन ने भी रूस को आगाह किया कि यदि वह यूक्रेन से पीछे नहीं हटता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ब्रिटेन ने यह भी कहा कि वह लोकतंत्र के लिए बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारत जैसे सहयोगी देश के साथ मिलकर काम कर रहा है. ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने यहां लॉरी इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में अपने संबोधन के जरिये रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील की कि रूस यूक्रेन के साथ लगती सीमा से किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई से बचे. सीमा के नजदीक रूसी सैनिक के जमावड़े से पिछले कुछ हफ्तों में तनाव बढ़ा है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि, रूस और चीन लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ काम कर रहे हैं. ऐसा शीत युद्ध के समय के बाद से कभी नहीं देखा गया.

रूस औऱ चीन कर रहे एक साथ काम
ट्रस ने कहा, ‘रूस और चीन अधिक से अधिक एक साथ काम कर रहे हैं, क्योंकि वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी प्रौद्योगिकियों में मानकों को स्थापित करने का प्रयास करते हैं, और संयुक्त सैन्य अभ्यासों तथा घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र पर और अंतरिक्ष में अपना प्रभुत्व जमाते हैं.’

क्रेमलिन इतिहास से सीखे सबक
पुतिन से अपनी सीधी अपील में उन्होंने कहा कि क्रेमलिन ने इतिहास के सबक नहीं सीखे हैं. वे सोवियत संघ के पुनर्निर्माण या नस्ल और भाषा के आधार पर एक तरह के 'ग्रेटर रूस' के निर्माण का सपना देखते हैं. रूस ने यूक्रेन पर किसी भी प्रकार के हमले की योजना से इनकार किया है, लेकिन उसने पड़ोसी देश की सीमा के निकट एक लाख से अधिक सैनिक तैनात कर दिये हैं.