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डोनाल्ड ट्रंप कर सकते हैं किम जोंग उन से मुलाकात, उत्तर कोरिया ने भेजा निमंत्रण

अमेरिका के एक अधिकारी के मुताबिक, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मीटिंग के लिए निमंत्रण भेजा है।

Updated on: 09 Mar 2018, 08:26 AM

वाशिंगटन:

अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच चल रहे तनातनी के बीच अब एक अभूतपूर्व मोड़ आया है। अमेरिका के एक अधिकारी के मुताबिक, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मीटिंग के लिए निमंत्रण भेजा है।

सीएनएन के मुताबिक, गुरुवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के प्रतिनिधि की एक टीम व्हाइट हाउस पहुंचकर प्योंगयांग में कोरिया के वर्कर्स पार्टी के मुख्यालय में किम के साथ हुई बातचीत को लेकर अधिकारियों को बताया।

दक्षिण कोरियाई टीम ने ट्रंप से बातचीत करने के बाद किम जोंग उन से मिले एक निमंत्रण पत्र को भी सौंपा। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के मुताबिक ट्रंप इस साल मई महीने में किम से मिलने को सहमत भी हुए हैं।

अमेरिकी अधिकारी ने कहा, उत्तर कोरिया ने अपनी बातचीत के निमंत्रण के साथ न्युक्लियर मिसाइल परीक्षण को रोकने का भरोसा दिया है। साथ ही दक्षिण कोरिया के साथ आगामी सैन्य अभ्यास को रद्द नहीं किया जाएगा।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सराह सैंडर्स ने कहा कि इस मुद्दे पर दक्षिण कोरिया के नेता और राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यालय के प्रमुख चुंग ई योंग अपनी अधिकारिक घोषणा भी करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट एच आर मैकमास्टर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस बारे में संबोधित करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने भी किम से बातचीत करने के लिए अपनी इच्छा जताई है हालांकि वे चाहते हैं कि उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षणों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए।

इससे पहले गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने अफ्रीकी देशों से कहा कि उत्तर कोरिया पर परमाणु परीक्षण पर रोक लगाने के लिए दवाब बनाए।

उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच प्योंगयांग में हुए विंटर ओलंपिक के बाद बातचीत में सुधार आता दिख रहा है, इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण कोरिया का यह प्रतिनिधिमंडल उत्तर कोरिया पहुंचा था।  

इस मुलाकात के दौरान उत्तर कोरिया ने यह वादा किया है कि वह कभी भी दक्षिण कोरिया के खिलाफ किसी भी पारंपरिक या परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए सहमति पिछले साल अप्रैल में बनी थी।

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