मलाला ने लिखा Hi Twitter, कुछ घंटों में फॉलोअर्स की संख्या हुई 4 लाख के पार

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई शक्रवार को ट्विटर पर छा गई। मलाला ने पहली बार ट्विटर पर लिखा 'हाय ट्विटर'।

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई शक्रवार को ट्विटर पर छा गई। मलाला ने पहली बार ट्विटर पर लिखा 'हाय ट्विटर'।

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desh deepak
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मलाला ने लिखा Hi Twitter, कुछ घंटों में फॉलोअर्स की संख्या हुई 4 लाख के पार

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई (फाइल फोटो)

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई अब सोशल साइट ट्विटर पर छा गई हैं। अपनी स्कूली शिक्षा शुक्रवार को खत्म होने के बाद मलाला ने पहली बार ट्विटर पर लिखा 'हाय ट्विटर'। इस पोस्ट को देखते ही लोगों ने उन्हें फॉलो करना शुरु कर दिया। हैरानी की बात यह थी कि आधे घंटे के अंदर उनके फॉलोवर्स की संख्या 1 लाख से ऊपर पहुंच गयी। मलाला को फॉलो करने का सिलसिला जारी है और अब तक उन्हें 4 लाख से ज्यादा लोग फॉलो कर चुके हैं।

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मलाला ट्विटर से नवंबर-2012 से जुड़ी थीं, लेकिन वह सक्रिय नहीं थी। बहरहाल, अपने पहले ट्वीट के दो मिनट बाद मलाला ने अपना दूसरा ट्वीट किया जिसमें लिखा 'आज स्कूल में आखिरी दिन था लेकिन ट्विटर पर पहला दिन।' मलाला ने ट्विटर पर अपना अकाउंट 2012 में ही बना लिया था लेकिन पहला पोस्ट उन्होंने गत शुक्रवार यानी 7 जुलाई को किया है।

इससे पहले मलाला अपने संगठन के आधिकारिक ट्विटर पेज पर ही संदेश देती रही हैं। इस ट्विटर हैंडल से भी उनके निजी तौर पर इस सोशल साइट से जुडऩे का स्वागत किया गया है।

कौन हैं मलाला

मलाला युसुफजई महिला शिक्षा के लिए एक पाकिस्तानी कार्यकर्ता हैं और सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। वह मानवाधिकारों की वकालत के लिए जानी जाती है, विशेष रूप से उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तुनख्वा में अपनी स्थानीय स्वात घाटी में महिलाओं की शिक्षा, जहां स्थानीय तालिबान ने कई बार लड़कियों को स्कूल में जाने से मना कर दिया था।

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उसके समर्थक के बाद से एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन किया साल 2012 में तालिबान ने उन पर जानलेवा हमला किया था। घायल मलाला का इलाज ब्रिटेन में हुआ और इस दौरान पूरी दुनिया में उनके ठीक होने की दुआएं की गईं थीं।

ब्रिटेन के डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत से मलाला को बचा लिया। उसी समय से वह ब्रिटेन में पढ़ाई कर रही हैं। इसके बाद पूरी दुनिया में इतने कम उम्र में उन्होंने बहुत शोहरत मिल गई। 10 दिसंबर 2014 को उन्हें कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।

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Source : News Nation Bureau

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