अमेरिका के डेविड कार्ड, जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेंस को अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2021 डेविड कार्ड, जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेन्स को दिया गया. तीनों अमेरिकी अर्थशास्त्रियों ने अनपेक्षित प्रयोगों या तथाकथित
highlights
- नोबेल पुरस्कार 2021 डेविड कार्ड, जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेन्स को दिया गया
- कारण संबंधों के विश्लेषण में उनके मेथेडोलॉजिकल योगदान के लिए दिया गया पुरस्कार
- पिछले साल का पुरस्कार पॉल आर मिल्ग्रोम और रॉबर्ट बी विल्सन को मिला था
स्टोकहोम:
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2021 डेविड कार्ड, जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेन्स को दिया गया. नोबेल समिति ने डेविड कार्ड को श्रम अर्थशास्त्र में उनके प्रयोगसिद्ध योगदान के लिए पुरस्कार का आधा हिस्सा दिया और दूसरा आधा संयुक्त रूप से जोशुआ डी एंग्रिस्ट और गुइडो डब्ल्यू इम्बेन्स को कारण संबंधों के विश्लेषण में उनके मेथेडोलॉजिकल योगदान के लिए दिया गया. जीतने वाले पुरस्कारों में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के डेविड कार्ड मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से जोशुआ एंग्रिस्ट और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से गुइडो इम्बेन्स शामिल हैं. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि तीनों ने आर्थिक विज्ञान में अनुभवजन्य कार्य को पूरी तरह से बदल दिया है.
यह भी पढ़ें : उपन्यासकार अब्दुलराजाक गुरनाह को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार
पिछले साल का पुरस्कार स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो अर्थशास्त्रियों पॉल आर मिल्ग्रोम और रॉबर्ट बी विल्सन को मिला, जिन्होंने नीलामी को अधिक कुशलता से संचालित करने की मुश्किल समस्या का समाधान प्रस्तुत किया. अन्य नोबेल पुरस्कारों के विपरीत अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में स्थापित नहीं किया गया था बल्कि स्वीडिश केंद्रीय बैंक द्वारा 1968 में उनकी स्मृति में इसकी शुरुआत की गई थी, जिसमें पहले विजेता को एक साल बाद चुना गया था. यह प्रत्येक वर्ष घोषित नोबेल का अंतिम पुरस्कार है.
The 2021 Nobel Prize in Economics has been awarded with one half to David Card and the other half jointly to Joshua D. Angrist and Guido W. Imbens pic.twitter.com/9f1okhTMsd
— ANI (@ANI) October 11, 2021
पिछले हफ्ते, 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार फिलीपीन की पत्रकार मारिया रेसा और रूस के दिमित्री मुरातोव को उन देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उनकी लड़ाई के लिए दिया गया था, जहां पत्रकारों को लगातार हमलों, उत्पीड़न और यहां तक कि हत्या का सामना करना पड़ा है. साहित्य का नोबेल तंजानिया के लेखक, ब्रिटेन में रहने वाले अब्दुलरजाक गुरनाह को दिया गया.
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