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Nobel Prize 2022: तीन वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए संयुक्त रूप से मिला रसायन का नोबेल

कैरोलिन आर बर्टोजी, मोर्टन मेल्डल और के. बैरी शार्पलेस को संयुक्त रूप से रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार दिया गया है. तीनों को 'क्लिक केमिस्ट्री' में उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है.

Updated on: 05 Oct 2022, 07:13 PM

नई दिल्ली:

कैरोलिन आर बर्टोजी, मोर्टन मेल्डल और के. बैरी शार्पलेस ( Carolyn R Bertozzi, Morten Meldal and K Barry Sharpless) को संयुक्त रूप से रसायन विज्ञान नोबेल (Nobel Prize of Chemestry) पुरस्कार दिया गया है. तीनों को 'क्लिक केमिस्ट्री' में उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है. दरअसल, उनका ये काम कैंसर जैसी घातक बीमारी के इलाज सहित चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में बहुत ही उपयोगी है. बर्टोजी कैलिफोर्निया में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से हैं, शार्पलेस कैलिफोर्निया स्थित स्क्रिप्स रिसर्च से संबद्ध हैं और मेल्डल कोपेनहेगन विश्वविद्यालय डेनमार्क में हैं.

स्वीडन के स्टॉकहोम में द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज वेबसाइट के अनुसार, "बैरी शार्पलेस और मोर्टन मेल्डल को रसायन विज्ञान 2022 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, क्योंकि उन्होंने रसायन विज्ञान को कार्यात्मकता के युग में लाया और क्लिक रसायन विज्ञान की नींव रखी. बयान में कहा गया है कि उन्होंने कैरोलिन बर्टोज़ी के साथ संयुक्त रूप से दिया जाता, जिन्होंने क्लिक केमिस्ट्री को एक नए आयाम दिया और कोशिकाओं को मैप करने के लिए इसका उपयोग करना शुरू किया. उसकी बायोऑर्थोगोनल प्रतिक्रियाएं अब कैंसर के इलाज उपचार में मददगार साबित हो रही है. 

क्या क्लिक केमिस्ट्री है?
क्लिक केमिस्ट्री में केमिस्ट अक्सर प्रकृति में पाए जाने वाले जटिल रासायनिक अणुओं को फिर से बनाने की कोशिश करते हैं इसका इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों के अलावा दवा के क्षेत्र में भी होता है. उनकी कोशिश होती है कि कोशिकाओं में रोगजनक कारकों को कैसे टारगेट कर उसे अवरुद्ध किया जाए. नोबेल प्राइज की वेबसाइट पर बताया गया है कि क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल रिएक्शन्स ने केमिस्ट्री को फंक्शनलिज्म के युग में ला दिया है, जो मानव जाति के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो रहा है. 

बर्टोजजी की खोज कैंसर को ऐसे करती है खत्म
नोबेल वेबसाइट ((Nobel Prize ) के अनुसार बर्टोज़ज़ी का काम जिस क्षेत्र पर केंद्रित है, वह ट्यूमर कोशिकाओं की सतह पर ग्लाइकान है. उनके अध्ययन से यह पता चला है कि कुछ ग्लाइकान ट्यूमर को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचाने के लिए प्रकट होते हैं, क्योंकि वे प्रतिरक्षा कोशिकाओं को बंद कर देते हैं. ट्यूमर के इस सुरक्षात्मक तंत्र को अवरुद्ध करने के लिए, बर्टोजजी और उनके सहयोगियों ने एक नए प्रकार की जैविक दवा बनाई है. वे एंजाइमों के लिए एक ग्लाइकेन-विशिष्ट एंटीबॉडी में शामिल हो गए हैं, जो ट्यूमर कोशिकाओं की सतह पर ग्लाइकान को तोड़ते हैं. इस दवा का अब उन्नत कैंसर वाले लोगों पर नैदानिक ​​परीक्षणों में परीक्षण किया जा रहा है.