चीन ने फिर दिए संकेत भारत-चीन गतिरोध दूर करने में अमेरिकी मदद की दरकार नहीं

चीन और भारत को हाल-फिलहाल सीमा पर जारी गतिरोध को हल करने के लिए अमेरिका (America) की सहायता की जरूरत नहीं है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दोनों देशों के बीच विवाद सुलझाने में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Indo China Faceoff

भारत-चीन सीमा पर जारी है गतिरोध.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

सरकारी मीडिया के मुताबिक चीन और भारत को हाल-फिलहाल सीमा पर जारी गतिरोध को हल करने के लिए अमेरिका (America) की सहायता की जरूरत नहीं है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दोनों देशों के बीच विवाद सुलझाने में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी, जिसके बाद चीन (China) की मीडिया में यह प्रतिक्रिया सामने आयी है. गौरतलब है कि लद्दाख (Ladakh) और पूर्वी सिक्किम (Sikkim) में सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन ने संकेत दिए थे कि वह बातचीत के जरिये मसलों को हल करने की इच्छा रखता है. हालांकि कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा था. हालांकि इस बार भारत ने भी सीमा पर अपनी फौज का जमावड़ा बढ़ा कर साफ-साफ संकेत दे दिया है कि चीन की किसी गीदड़भभकी में भारत आने वाला नहीं है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः अच्‍छे मूड में नहीं हैं पीएम नरेंद्र मोदी, मैंने उनसे चीन को लेकर बात की : डोनाल्‍ड ट्रंप

चीनी मीडिया के मुताबिक अमेरिका से सतर्क रहें भारत-चीन
गौरतलब है कि ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था, 'हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है कि अमेरिका सीमा विवाद में मध्यस्थता करने के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम है.' चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से ट्रंप के ट्वीट के जवाब में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है लेकिन सरकारी समाचारपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एक लेख में कहा गया कि दोनों देशों को राष्ट्रपति ट्रंप की ऐसी सहायता की जरूरत नहीं है. इसमें कहा गया, 'हालिया विवाद को भारत और चीन द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाने में सक्षम हैं' दोनों देशो को अमेरिका से सतर्क रहना चाहिए जो कि क्षेत्र में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के अवसर की तलाश में रहता है.'

यह भी पढ़ेंः रिलायंस जियो की 3 फीसदी और हिस्सेदारी बिकने की संभावना, कर्ज मुक्त होने की ओर बढ़ी RIL

हांगकांग पर भी चीनी रुख अडिग
संभवतः यही वजह है कि चीन ने हांगकांग पर अमेरीका के अनुरोध वाली संरा की बैठक को खारिज करने में देर नहीं लगाई थी. कोरोना पर रार के बीच हांगकांग में व्याप्त असंतोष को कुचलने के संदर्भ में चीन द्वारा लाए गए नए कानून पर चर्चा के लिए अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल ऑनलाइन बैठक के लिए अनुरोध किया था, जिसे बीजिंग ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पूरा मामला आंतरिक विषय है और यह विश्व निकाय से संबंधित नहीं है. अमेरिका ने यह भी कहा कि यह समझौता कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि और बुनियादी कानून के तहत संयुक्त राष्ट्र के साथ पंजीकृत है. संयुक्त राष्ट्र के यूएस मिशन ने आगे कहा कि हांगकांग के लिए चीन का प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून तत्काल वैश्विक चिंता, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का विषय है और इसलिए इस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को तत्काल ध्यान आकर्षित करना चाहिए.

HIGHLIGHTS

  • ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारत-चीन गतिरोध दूर करने में अमेरिकी मदद की दरकार नहीं.
  • अखबार ने चेताया कि निहित स्वार्थवश क्षेत्र में शांति-सद्भाव बिगाड़ना चाहता है अमेरिका.
  • हांगकांग को लेकर भी चीन ने अमेरिका के प्रस्ताव को किया खारिज.
tension INDIA global times Donald Trump china Border Standoff
      
Advertisment