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यूएन महासचिव: अफगानिस्तान के विभिन्न पक्षों से संयम रखने का आहवान

यूएन महासचिव: अफगानिस्तान के विभिन्न पक्षों से संयम रखने का आहवान

Updated on: 16 Aug 2021, 11:30 PM

बीजिंग:

15 अगस्त को अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़कर विदेश चले गए। उस दिन अफगान तालिबान ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि सशस्त्र बलों ने उन्हें राजधानी काबुल में प्रवेश करने की अनुमति दी। हाल में ताबिलान ने अफगान राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है।

अफगान की हालिया परिस्थिति के मद्देनजर विभिन्न पक्षों ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तालिबान और अन्य विभिन्न पक्षों से संयम रखने का आह्ववान किया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 16 अगस्त की सुबह हालिया परिस्थिति पर आपात बैठक बुलाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस बैठक में हिस्सा लेंगे और रिपोर्ट भी देंगे।

साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने बयान जारी कर तालिबान और अन्य पक्षों से पूरी तरह संयम रखकर लोगों के जीवन की रक्षा करने और मानवीय पहलु पर ध्यान देने की अपील की। वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ अफगान समस्या के शांतिपूर्ण समाधान को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा।

वहीं नाटो के महासचिव ने कहा कि नाटो काबुल हवाई अड्डे को संचालित करने में मदद दे रहा है, ताकि वहां से विदेशी नागरिकों को हटाने के मिशन का समन्वय किया जा सके।

यूरोपीय संघ के नेता ने कहा कि अफगान त्रासदी न केवल अमेरिका की हार है, बल्कि इससे लोगों को अफगान समस्या पर और अधिक सबक लेना चाहिए।

उधर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया पर वीडियो भाषण देकर कहा कि वे तालिबान के साथ अफगान समस्या के शांतिपूर्ण समाधान करने को तैयार हैं। करजई ने कहा कि चूंकि गनी और अन्य अधिकारियों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है। देश को डांवाडोल स्थिति में जाने से बचाने और आम लोगों की मुसीबतों को दूर करने के लिए वे जातीय सुलह कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्लाह आदि के साथ एक समन्वय कमेटी का गठन करेंगे और सत्ता स्थानांतरण संबंधी कार्य की जिम्मेदारी उठाएंगे।

उधर, अफगानिस्तान के प्रथम उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सलाह ने सोशल मीडिया पर कहा कि किसी भी स्थिति में वे तालिबान के समक्ष समर्पण नहीं करेंगे।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि रूसी विदेश मंत्रालय काबुल में अपने दूतावास के कर्मचारियों को नहीं हटाएगा। तालिबान रूसी दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, साथ ही अन्य देशों के राजनयिक मिशनों की सुरक्षा की गारंटी भी देगा। रूसी राष्ट्रपति की अफगान समस्या के विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि रूस अफगान अंतरिम सरकार से सहयोग करने को तैयार है।

अमेरिकी प्रतिनिधि सदन के सांसद ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति पर अमेरिका सरकार को अनिवार्य कर्तव्य निभाना चाहिए। विश्व इससे प्रभावित होगा। वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 15 अगस्त को मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाकर अफगान परिस्थिति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को मिलकर प्रयास करने चाहिए, ताकि अफगानिस्तान की नयी सरकार यह जान सके कि कोई नहीं चाहता कि अफगानिस्तान आतंकवादियों का अड्डा बने। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि अफगान समस्या का राजनीतिक समाधान करने के लिए पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का रुख एक जैसा है।

मध्य एशिया के कई देशों, तुर्की, डेनमार्क, नॉर्वे आदि देशों ने भी अफगान सवाल को लेकर अपना रुख प्रकट किया है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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