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सायबर हमले का खतरा टला नहीं, सोमवार को कई कंप्यूटर फिर आ सकते हैं इसकी चपेट में

कंप्यूटरों को नियंत्रण में लेने के बाद एक संदेश आ जाता था कि जिसमें फाइलों को खोलने और उपभोक्ताओं के इस्तेमाल करने के लिए 300 डॉलर बिटक्वाइन के भुगतान की मांग की जाती थी।

Updated on: 14 May 2017, 05:19 PM

highlights

  • शुक्रवार को पूरी दुनिया में हुआ था सायबर अटैक, भारत सहित दुनिया के करीब 100 देश आए चपेट में
  • 'मैलवेयर टेक' की चेतावनी, सोमवार को फिर हो सकता है सायबर अटैक
  • रैनसमवेयर वायरस से पूरी दुनिया में मचा था हड़कंप, जानकारों का दावा अगल हमला और बड़ा होगा

नई दिल्ली:

पिछले दिनों कई देशों में हुए सायबर अटैक से अभी दुनिया उबरी भी नहीं है कि नई चेतावनी आ गई है। सुरक्षा शोध से जुड़ी एक संस्था ने रविवार को चेतावनी दी है कि शुक्रवार को हुए वैश्विक हमले के बाद दूसरा बड़ा सायबर हमला सोमवार को हो सकता है।

बीते शुक्रवार को हुए वैश्विक हमले से दुनिया भर के 125,000 से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम संक्रमित हो गए थे। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के सुरक्षा शोधकर्ता 'मैलवेयर टेक' ने भविष्यवाणी की है कि दूसरा हमला सोमवार को होने की संभावना है। मैलवेयर टेक ने रैनसमवेयर हमले को सीमित करने में मदद की।

इस वायरस ने उपभोक्ताओं की फाइलों को अपने नियंत्रण में ले लिया। यह वायरस स्पेन, फ्रांस और रूस सहित 100 देशों में फैल गया। इंग्लैंड में 48 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं (एनएचएस) ट्रस्ट व स्कॉटलैंड के 13 एनएचएस निकाय इसके शिकार हुए।

इससे कुछ अस्पतालों को अपनी सेवाएं रद्द करनी पड़ी। कंप्यूटरों को नियंत्रण में लेने के बाद एक संदेश आ जाता था कि जिसमें फाइलों को खोलने और उपभोक्ताओं के इस्तेमाल करने के लिए 300 डॉलर बिटक्वाइन के भुगतान की मांग की जाती थी।

वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक डोमेन का पंजीकरण कराए जाने के बाद मैलवेयर टेक का 'आकस्मिक हीरो' के तौर पर स्वागत किया गया। मैलवेयर टेक अपनी पहचान नहीं जाहिर करना चाहता।

बीबीसी से 22 वर्षीय व्यक्ति ने रविवार को कहा, 'हमने इसे रोक दिया है, लेकिन कोई दूसरा आ रहा है और इसे हम नहीं रोक पाएंगे।' उन्होंने कहा, 'उनके पास इस काम को करने के अच्छे मौके हैं। इस सप्ताह के अंत तक तो नहीं, लेकिन इसे सोमवार सुबह तक करने की संभावना है।'

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उन्होंने ट्वीट किया, 'वन्नाक्रिप्ट का संस्करण 1 रोक दिया गया, लेकिन संस्करण 2.0 को शायद ही हटाया जा सके। इस हमले से आप तभी सुरक्षित हैं, यदि आप जल्द से जल्द मरम्मत कर सकें।'

जांचकर्ता शुक्रवार से 'रैनसमवेयर' का इस्तेमाल करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल करने वालों को वाना डिक्रिप्टर या वानाक्राई के नाम से जाना जाता है। यह वायरस माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सॉफ्टवेयर में सेंध करके फायदा उठाता है, जिसकी पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा पहचान की गई थी।

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