Advertisment

नेपाल के हिंदू समुदाय ने अयोध्या फैसले का स्वागत किया

जनकपुर को भगवान राम की पत्नी सीता के जन्म स्थान के रूप में जाना जाता है.

author-image
Ravindra Singh
New Update
Ram Mandir

राम मंंदिर, अयोध्या( Photo Credit : फाइल)

Advertisment

नेपाल में हिंदू समुदाय ने अयोध्या मामले में भारतीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है और मोमबत्तियाँ जलाकर अपनी खुशी का इजहार किया. भारत के उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को सर्वसम्मति से दिये एक फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया और केंद्र सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश दिया. यह भारत के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित निर्णयों में से एक है.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सदी से अधिक पुराने विवाद का निपटारा किया. काठमांडू से 250 किलोमीटर दक्षिण में जनकपुर धाम के लोगों ने ऐतिहासिक जानकी मंदिर के परिसर में मोमबत्तियां और परंपरागत दीपक जलाकर फैसले का जश्न मनाया. मंदिर के महंत राम रोशन दास ने जानकी मंदिर में और उसके आसपास सैकड़ों भक्तों को मिठाइयां बांटी. जनकपुर को भगवान राम की पत्नी सीता के जन्म स्थान के रूप में जाना जाता है. दास ने कहा कि इस फैसले ने दुनिया भर के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान किया है. यह उन सभी के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला है जो सनातन धर्म को मानते हैं.

सर्वोच्च अदालत के फैसले का जश्न मनाने के लिए हिंदू समुदाय के लोगों ने दक्षिण-पूर्व नेपाल के बीरगंज और राजबिराज में भी मोमबत्तियां जलायीं. पशुपति विकास ट्रस्ट के पूर्व कोषाध्यक्ष और प्रांत संख्या 3 से सांसद नरोत्तम वैद्य ने कहा, ‘‘नेपाली हिंदू समुदाय फैसले को एक सकारात्मक कदम मानता है, और हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसने संवेदनशील धार्मिक मुद्दे को संतुलित और उचित तरीके से हल करने में मदद की है.’’ इस बीच, हिंदू स्वयंसेवक संघ नेपाल ने कहा कि वह फैसले के उपलक्ष्य में पशुपतिनाथ मंदिर में विशेष बागमती गंगा आरती का आयोजन करेगा. भाषा कृष्ण कृष्ण पवनेश पवनेश नेत्रपाल नेत्रपाल

Source : भाषा

Neapl welcome Ayodhya Verdict Nepals Hindu AyodhyaVerdict
Advertisment
Advertisment
Advertisment