नेपाल की देउवा सरकार ने दिया ओली को एक और झटका, भारत चीन सहित एक दर्जन देशों के राजदूत बर्खास्त

नेपाल सरकार ने भारत, चीन, यूके, यूएस सहित करीब एक दर्जन देशों के राजदूत को पद से बर्खास्त कर दिया है। ओली सरकार के द्वारा राजनीतिक आस्था के आधार पर नियुक्त किए गए इन सभी देशों के राजदूत को तत्काल वापस होने का निर्देश जारी कर दिया है।

नेपाल सरकार ने भारत, चीन, यूके, यूएस सहित करीब एक दर्जन देशों के राजदूत को पद से बर्खास्त कर दिया है। ओली सरकार के द्वारा राजनीतिक आस्था के आधार पर नियुक्त किए गए इन सभी देशों के राजदूत को तत्काल वापस होने का निर्देश जारी कर दिया है।

author-image
Mohit Sharma
एडिट
New Update
nepal

nepal ( Photo Credit : News Nation)

नेपाल सरकार ने भारत, चीन, यूके, यूएस सहित करीब एक दर्जन देशों के राजदूत को पद से बर्खास्त कर दिया है. ओली सरकार के द्वारा राजनीतिक आस्था के आधार पर नियुक्त किए गए इन सभी देशों के राजदूत को तत्काल वापस होने का निर्देश जारी कर दिया है. प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में ओली सरकार के द्वारा नियुक्त किए गए सभी राजदूत को पद से हटाने का निर्णय किए जाने की जानकारी सरकार के प्रवक्ता ने दी है. इससे पहले सोमवार को कानून मंत्री समेत रहे सरकार के प्रवक्ता ज्ञानेन्द्र बहादुर कार्की ने बताया कि सरकार ने उन सभी देशों के राजदूतों को पद से हटाते हुए वापस होने को कहा है जिनकी नियुक्ति ओली सरकार के समय हुई थी। सरकार के इस फैसले के बाद भारत में नेपाल के राजदूत नीलाम्बर आचार्य, चीन के राजदूत महेन्द्र बहादुर पाण्डे, अमेरिका में राजदूत युवराज खतिवडा, ब्रिटेन के राजदूत लोकदर्शन रेग्मी सहित करीब 15 देशों के राजदूत को अपने पद से हाथ धोना पड़ा. मजेदार बात यह हैै कि देउवा सरकार के इस फैसले के कारण उनकी खुद की सास प्रतिभा राणा जो कि इस समय जापान में नेपाल की राजदूत हैं उनको भी अपना पद छोडना पड़ेगा। देउवा के सास की नियुक्ति ओली सरकार के समय ही हुई थी.

Advertisment

यह भी पढ़ें:अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा करता रहेगा: बाइडेन

पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूएमएल के अध्यक्ष के. पी. शर्मा ओली ने दावा किया है कि भारत ने 2015 में नेपाली राजनीतिक नेतृत्व को धमकी दी थी कि वह भारत की चिंताओं और सुझाव की अनदेखी करते हुए संविधान को लागू न करे. एक राजनीतिक दस्तावेज पेश करते हुए, जिसे बाद में पार्टी के आम सम्मेलन में रखा जाएगा, ओली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में संविधान की घोषणा से पहले काठमांडू का दौरा करने वाले एस. जयशंकर ने नेपाली राजनीतिक नेतृत्व को संविधान की घोषणा के दौरान भारत की वैध चिंताओं और सुझावों की अनदेखी नहीं करने की धमकी दी थी.

यह भी पढ़ें : तालिबान के खतरे का मुकाबला करने के लिए युद्धाभ्यास और परस्पर सहयोग में जुटे एशियाई देश

संविधान सभा के लिए लगातार दो बार चुनाव कराने के बाद, 2015 में नेपाल ने नए संविधान को लागू किया जिसने गणतंत्र, धर्मनिरपेक्ष, संघीय और कुछ अन्य व्यापक परिवर्तनों को समेकित किया था. 20 सितंबर, 2015 को संविधान की घोषणा से कुछ दिन पहले, भारत ने नेपाल के राजनीतिक नेतृत्व से मिलने के लिए तत्कालीन विदेश सचिव जयशंकर को काठमांडू भेजा था. ओली के अनुसार, जयशंकर ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाल के नए संविधान के लिए भारत की चिंताओं और सुझावों से अवगत कराया था.

KP Sharma Oli Nepali KP Sharma Oli
      
Advertisment