Nepal changing alliance: तीन महीने में दूसरी बार संसद में विश्वास मत पर मतदान, प्रचण्ड को बहुमत 

नेपाल की राजनीति में पिछले दिनों हुए उठापटक के बीच तीन महीने में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचण्ड' को दूसरी बार संसद में विश्वास का मत लेना पड़ा.

नेपाल की राजनीति में पिछले दिनों हुए उठापटक के बीच तीन महीने में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचण्ड' को दूसरी बार संसद में विश्वास का मत लेना पड़ा.

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Mohit Saxena
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Pushpa Dahal Prachanda

Pushpa Dahal Prachanda( Photo Credit : social media )

नेपाल की राजनीति में पिछले दिनों हुए उठापटक के बीच तीन महीने में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचण्ड' को दूसरी बार संसद में विश्वास का मत लेना पड़ा. नेपाल में दो महीने में  ही सत्ता गठबंधन में आए बदलाव के बाद संवैधानिक बाध्यता की वजह से विश्वास का मत लेने वाले प्रचंड के पक्ष में इस बार भी बहुमत साबित कर दिया. नेपाल की संसद में पिछली बार 275 में 273 अर्थात् 99.27 प्रतिशत सांसदों का समर्थन मिला था. लेकिन इस बार प्रचण्ड को 172 सांसदों का ही समर्थन मिला. तीन महीने पहले के पी ओली के साथ वाम गठबंधन बनाकर प्रचण्ड ने दो महीने में ही के पी ओली की पार्टी को सत्ता गठबन्धन से बाहर कर दिया. इस बार वाम लोकतांत्रिक गठबंधन में नेपाली कांग्रेस सहित कई अन्य दलों का समर्थन मिला है. 

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विश्वासमत रखते हुए प्रचण्ड ने कहा कि मजबूरी में उन्होंने तीसरे महीने में दूसरी बार संसद में अपना बहुमत साबित करना पड़ रहा है. ओली के साथ सत्ता साझेदार करने के बाद से ही उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि वो इस गबन्धन में कम्फर्टेबल हैं. आज संसद में बोलते हुए प्रचण्ड ने कहा कि पिछली बार विश्वास मत से दिन ही उन्होंने ओली के साथ और आगे नहीं चलने का मन बना लिया था. 

ओली के द्वारा असंवैधानिक तरीके से किए गए संसद विघटन को अब तक जायज ठहराने, नेपाल में लोकतंत्र, गणतंत्र और संघीयता विरोधी ताकतों से सांठगांठ करने से संशकित होने की बात भी प्रचण्ड ने अपने भाषण में कही. जवाब में ओली ने प्रचण्ड को एक अविश्वासी,अस्थिर चरित्र का नेता बताया. ओली ने प्रचण्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का ऑफर नहीं दिया था बल्कि वो खुद मेरे पास चल कर समर्थन मांगने आए थे. ओली ने माओवादी का यह गठबन्धन दो महीने से अधिक   नहीं चलने का दावा भी कर दिया. 

इस बार माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड को नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी, एकीकृत समाजवादी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, जनमत पार्टी, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और राष्ट्रीय जनमोर्चा का समर्थन मिला. जबकि प्रचण्ड के विपक्ष में ओली के नेतृत्व में रहे नेपाल कम्यूनिष्ट पार्टी यूएमएल के अलावा राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी तथा नेपाल मजदूर किसान पार्टी के सांसदों ने मतदान किया था.

 

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