नेपाल ने भारत से लगने वाली अपनी सीमा को अनिश्चितकाल तक के लिए पूर्ण रूप से बन्द करने का फैसला किया है. नेपाल में रहे तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के लोगों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने और उनके भारत में घुसने की कोशिश के मध्येनजर यह फैसला लिया गया है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में नेपाल भारत की सीमा को पूर्ण रूप से सील करने का फैसला लिया गया है. साथ ही नेपाल ने तीसरी बार अपने यहां लॉक डाउन (Lock Down) की अवधि को 27 अप्रैल तक के लिए बढ़ाने का भी फैसला किया है.
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मस्जिद के तबलीगी जमात से जुड़े सैकड़ों भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी के नेपाल में होने और खुली सीमा का फायदा उठाते हुए उनके भारत में प्रवेश की संभावना को ध्यान में रखते हुए नेपाल सरकार ने यह फैसला किया है. इसी तरह निजामुद्दीन के मरकज मस्जिद में सैकड़ों नेपाली मुसलमानों के भी होने तथा वहां पुलिस की दबिश के बाद उनके वहां से भागकर नेपाल में प्रवेश करने की घटना को भी ध्यान में रखते हुए नेपाल ने यह फैसला किया है.
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नेेेपाल में घुसने का प्रयास करते 2 जमाती गिरफ्तार
रविवार को ही नेपाल में दिल्ली के मरकज मस्जिद से लौटे चार में से एक युवक में कोरोना पॉजिटिव मिला है जबकि दो जमाती चोरी छिपे नेपाल में प्रवेश करने की फिराक में गिरफ्तार हो चुके हैं. इससे पहले जमात से जुड़े तीन भारतीयों में कोरोना पॉजिटिव मिलने से नेपाल की चिंता बढ़ गई है. नेपाल में अब तक 15 लोगों में कोरोना पॉजिटिव मिला है जिनमें 4 जमाती हैं. एक महिला जो इनके संपर्क में आई उसमें भी कोरोना की पुष्टि हो गई है.
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अभी तक नेपाल में कोविड -19 के 16 मामले
आपको बता दें कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया कोविड-19 वायरस से परेशान है. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है. हालांकि भारत में अभी स्थिति उतनी भयावाह नहीं है जितनी कि दुुनिया के अन्य देशों में है, वहीं नेपाल की बात करें तो नेेपाल में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 16 मामले आ चुके हैं जिनमें से एक व्यक्ति स्वस्थ्य होकर अपने घर वापस लौट चुका है. नेपाल में अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण से किसी भी व्यक्ति ने अपनी जान नहीं गंवाई है. इसी वजह से नेपाल सरकार अपने सीमावर्ती इलाकों को सील करके इस वायरस को अपनी सीमारेखा में नहीं घुसने देना चाहती है.