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नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली( Photo Credit : फाइल फोटो)
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Nepal PM KP Sharma Oli) की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई. सीने में दर्द की शिकायत होने के बाद पीएम ओली को काठमांडू के साहिद गंगालाल नेशनल हार्ट सेंटर में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों की निगरानी पर उनका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि इस वक्त में नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है.
पीएम के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली काठमांडू में साहिद गंगलाल नेशनल हार्ट सेंटर से एक चेकअप कराने गए थे. पीएम ओली अस्पताल से चेकअप कराके लौट आए हैं.
Nepal Prime Minister KP Sharma Oli has returned from Sahid Gangalal National Heart Center in Kathmandu after a check-up: PM's Press Advisor Surya Thapa https://t.co/2wJU2Zdx1A
— ANI (@ANI) July 1, 2020
खतरे में केपी ओली की गद्दी? PM की कुर्सी बचाने को बुलाई आपात बैठक
भारत के साथ विवाद के बीच नेपाल का राजनीतिक संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रधानमंत्री केपी ओली की कुर्सी पर लगातार बढ़ते संकट के बीच उनके विरोधी अब उनका इस्तीफा लेने पर अड़ गए हैं. बुधवार सुबह केपी ओली ने अपने करीबी मंत्रियों के साथ बड़ी बैठक बुलाई. केपी ओली के आवास पर हो रही इस बैठक में आगे की रणनीति पर मंथन किया जा रहा है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने मांगा था इस्तीफा
पिछले दिनों पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने केपी ओली से इस्तीफा मांगा था. इसी के बाद से ही राजनीतिक संकट गहरा गया था. जानकारी के मुताबिक बैठक में विरोधी और माओवाटी गुट को थोड़ी देर में बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि अगर केपी ओली ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं दिया तो माओवादी खेमे के कुछ मंत्री सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं. पार्टी की स्थाई समिति में केपी ओली के पास बहुमत नहीं है.
देर रात चीनी राजदूत से हुई थी बातचीत
मंगलवार देर रात प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने आवास पर चीनी राजदूत से भी मुलाकात की थी. सूत्रों का कहना है कि चीनी राजदूत की ओर से भी इस मामले में हाथ पीछे कर लिए गए हैं. अब ऐसी में उनके पास इस्तीफे का ही विकल्प बचा है. गौरतलब है कि नेपाल ने भारत के साथ नक्शा विवाद का बखेड़ा शुरू किया उसी के पास से उनकी परेशानी बढ़ गई हैं. भारत के विरोध के बावजूद केपी ओली की सरकार ने नेपाल का नया नक्शा जारी किया, जिसमें उत्तराखंड के तीन गांवों को अपना इलाका बताया गया. अब खुद केपी ओली के पार्टी के नेता ही उनका विरोध कर रहे हैं और भारत के साथ संबंध खराब करने का आरोप लगा रहे हैं.
Source : News Nation Bureau