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नेपाल सरकार ने क्यों लगाया काठमांडू में पानीपूरी पर बैन? ये है वजह

नेपाल की काठमांडू घाटी के ललितपुर में गोलगप्पे बेचने पर रोक लगा दी गई है. घाटी में कॉलरा (हैजा) के मामले बढ़ गए हैं.

Updated on: 01 Jul 2022, 11:23 PM

highlights

  • नेपाल की काठमांडू घाटी के ललितपुर में गोलगप्पे बेचने पर रोक लगा दी गई है
  • पानी-पूरी में इस्तेमाल होनें वाले पानी में कॉलरा बैक्टीरिया पाया गया 

नई दिल्ली:

शायद ही कोई होगा, जिसे गोलगप्पे पसंद नहीं होंगे. बड़े रेस्टोरेंट और होटल में मिलने वाले गोलगप्पों से ज्यादा टेस्टी ​​​​​सड़क किनारे मिलने वाले  ठेले के गोलगप्पे लगते हैं. अगर आप भी ठेले पर रोजाना गोलगप्पे खाते हैं तो आज ही अलर्ट हो जाएं. दावा किया गया है कि पानी-पूरी में इस्तेमाल होनें वाले पानी में कॉलरा बैक्टीरिया पाया गया है. दरअसल, नेपाल की काठमांडू घाटी के ललितपुर में गोलगप्पे बेचने पर रोक लगा दी गई है. घाटी में कॉलरा (हैजा) के मामले बढ़ गए हैं. ललितपुर मेट्रोपॉलिटिन सिटी (LMC) ने दावा किया है कि गोलगप्पे में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी में हैजा के बैक्टीरिया थे.

म्युनिसिपल पुलिस चीफ सीताराम हचेतू के अनुसार भीड़भाड़ वाले इलाकों और कॉरिडोर एरिया में पानीपूरी की बिक्री पर पाबंदी लगाने की पूरी तैयारी चल रही है. पानीपूरी के कारण हैजा के मामले बढ़ने का खतरा है. रविवार को काठमांडू में हैजा के सात नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही घाटी में 12 मरीजों का इलाज चल रहा है. 

अगर ऐसा है तो भारत में भी सबको अलर्ट हो जाना चाहिए. दरअसल, गोलगप्पे के पानी में ज्यादा नमक डाला जाता है. यह ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करता है. इसके साथ जिस तेल में यह तला जाता है उसकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं रहती. कई बार ठेले वाले बचे हुए तेल में ही गोलगप्पे फ्राई कर देते हैं. ऐसे में सेहत पर बुरा असर पड़ता है.