logo-image

नीरव मोदी की भारत आने से बचने को जारी है पैंतरेबाजी, अब ब्रिटिश हाईकोर्ट में अपील

नीरव मोदी ने बुधवार को ब्रिटेन के हाईकोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील के लिए अपना प्रारंभिक आधार दायर किया है.

Updated on: 01 May 2021, 11:32 AM

highlights

  • ब्रिटिश हाईकोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दायर की
  • राजनीतिक विद्वेष और खराब जेलों को बनाया आधार
  • 14 हजार करोड़ की धोखाधड़ी की है बैंकों के साथ

लंदन/नई दिल्ली:

ब्रिटिश अदालत से भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Neerav Modi) को भारत लाने के लिए प्रत्यर्पण (Extradition) का रास्ता साफ हो चुका है. इसके बावजूद नीरव मोदी पैंतरेबाजी से बाज नहीं आ रहा है. ब्रिटेन के गृह मंत्री की प्रत्यर्पण को हरी झंडी के बाद नीरव मोदी ने भारत आने से बचने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखी हैं. इसके तहत उसने ब्रिटिश हाईकोर्ट (High Court) में प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दायर की है. भारत आने से बचने के लिए उसने याचिका में कई दलीलें दी है, जिन्हें साबित करना खुद उसके लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण होगा. 

ब्रिटिश हाईकोर्ट में की अपील
प्राप्त जानकारी के अनुसार नीरव मोदी ने बुधवार को ब्रिटेन के हाईकोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील के लिए अपना प्रारंभिक आधार दायर किया है. इसमें उसने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा भारत में अपने प्रत्यर्पण और 15 अप्रैल को ब्रिटेन के गृह सचिव प्रभा पटेल की मंजूरी को चुनौती दी है. नीरव मोदी की कानूनी टीम के अनुसार, अपील को सिद्ध करने के लिए आधार तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही दायर किए जाएंगे. फिलहाल ये अपील के प्रारंभिक आधार हैं. नीरव मोदी की याचिका में भारत में उचित मुक़दमा नहीं चलने और राजनीतिक कारणों से उन्हें निशाना बनाने की चिंता जाहिर की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत में जेलों की स्थिति खराब है और उसके खिलाफ सबूत कमजोर हैं.

यह भी पढ़ेंः ऑस्ट्रेलिया ने रोका भारतीय यात्रियों को, नहीं मानने वालों को जेल-जुर्माना

14 हजार करोड़ का घोटाला किया है नीरव ने
गौरतलब है कि इससे पहले लंदन की एक अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर सहमति जताई थी और उसकी सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि उसका भारत की जेल में ख्याल रखा जाएगा. नीरव मोदी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी का आरोप है. यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई. उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किए हैं. इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं. सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त, 2018 में मांगा गया था. 

लंदन के वांड्सवर्थ जेल में है बंद
घोटाले के बाद भारत से भागने वाला नीरव मोदी इस समय लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है. प्रत्यर्पण से बचने के लिए नीरव मोदी ने कोर्ट में कहा था कि वह मानसिक रूप से बीमार है. साथ ही उसने भारत की जेल में सुविधाएं न होने का दावा किया. हालांकि कोर्ट ने नीरव मोदी की इन दलीलों को खारिज कर दिया था. फरवरी में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भारत सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था. प्रत्यर्पण आदेश पर होम मिनिस्टर प्रीति पटेल के हस्ताक्षर का यह मतलब नहीं है कि नीरव मोदी को भारत लाने में अब कोई अड़चन नहीं. उसके पास अभी कई कानूनी रास्ते बचे हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट में अपील और शरण मांगने जैसे विकल्प हैं. एक्सपर्ट इसके लिए शराब कारोबारी विजय माल्या के केस का भी उदाहरण देते हैं, जोकि एक गोपनीय मुद्दे की वजह से यूके में बेल पर हैं. माना जा रहा है कि उसने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण की मांग की है. 

यह भी पढ़ेंः अगले हफ्ते आ सकता है कोरोना संक्रमण का पीक, फिर मिलेगी राहत

आर्थर रोड जेल है तैयार
भारत लाए जाने के बाद नीरव मोदी किस जेल में रहेगा और कितने नंबर बैरक में रहेगा, उसके आने से पहले ही यह फाइनल हो चुका है. नीरव मोदी को सलाखों के पीछे बंद करने के लिए मुंबई की आर्थर रोड जेल ने एक विशेष सेल तैयार रखा है. उसे बैरक नंबर 12 में मौजूद तीन सेलों में से एक में रखा जाएगा।. बता दें कि ऑर्थर जेल का यह 12 नंबर बैरक काफी हाई सिक्योरिटी वाला बैरक है.